facebookmetapixel
म्यूचुअल फंड्स में Over Diversification का जाल! कम फंड्स में कैसे पाएं बेहतर रिटर्नसर्विसेज की ‘मंदी’ नहीं, बस ‘रफ्तार में कमी’: अक्टूबर में सर्विस PMI घटकर 58.9 पर₹16,700 करोड़ में बिक सकती है RCB टीम! पैरेंट कंपनी के शेयरों में 28% तक रिटर्न की संभावनाGroww IPO: 57% सब्सक्रिप्शन के बावजूद लंबी रेस का घोड़ा है ये शेयर? एक्सपर्ट ने बताया क्यों3% प्रीमियम पर लिस्ट हुआ Orkla India का शेयर, मार्केट कैप पहुंचा ₹10,000 करोड़ के करीबसुस्त शुरुआत के बाद सोने-चांदी की कीमतों में तेजी, घरेलू बाजार में जानें आज के भावपहले कमाते थे ₹52, अब मिलते हैं ₹45; दो-दो ऑर्डर एक साथ ले जाने से डिलीवरी बॉय की कमाई घटीBihar Election Phase-1 Voting: सुबह 11 बजे तक कुल 27.65% मतदान, बेगूसराय जिले में सबसे अधिक 30.37% वोटिंगFortis से Paytm तक, MSCI की नई लिस्ट में 4 भारतीय शेयर शामिल – चीन ने भी दिखाई ताकतStocks to Watch today: पेटीएम, ब्रिटानिया, अदाणी एनर्जी जैसे दिग्गजों के नतीजे तय करेंगे दिशा

वीडियोकॉन के संस्थापक गिरफ्तार

Last Updated- December 27, 2022 | 12:01 AM IST
venugopal dhoot

आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्य अधिकारी (सीईओ) एवं प्रबंध निदेशक (एमडी) चंदा कोछड़ और उनके पति की गिरफ्तारी के बाद आज केंद्रीय जांच ब्यूरो ने वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को भी हिरासत में ले लिया। तीनों की गिरफ्तारी करीब एक दशक पुराने वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज ऋण धोखाधड़ी मामले में हुई है। सीबीआई की एक अदालत ने आज कोछड़, उनके पति और धूत को 28 दिसंबर तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया।

कोछड़ दंपती को जांच एजेंसी ने शुक्रवार रात पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। आज सुबह 71 साल के धूत को भी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। तीनों को सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश एएस सैयद के सामने पेश किया गया। सीबीआई की तरफ से विशेष लोक अभियोजक ए लिमोसिन ने सभी आरोपियों का आमना-सामना कराने के लिए तीन दिन की हिरासत का अनुरोध किया। धूत को कथित धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निवारण कानूनों की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है।

समाचार एजेंसी पीटीआई ने अज्ञात सूत्रों के हवाले से कहा कि सीबीआई जल्द ही इन तीनों और अन्य संदिग्धों के खिलाफ आरोपपत्र दायर करने की योजना बना रही है। जांच एजेंसी ने चंदा और उनके पति दीपक कोछड़ को जांच में सहयोग न करने और गोलमोल जवाब देने का आरोप लगाते हुए हिरासत में लिया था।

वर्ष 2016 में एक व्हिसल ब्लोअर ने आईसीआईसीआई बैंक, वीडियोकॉन समूह और न्यूपावर रीन्यूएबल्स के बीच हुए लेनदेन की जांच कराए जाने की मांग की थी। 2018 में यह आरोप और गंभीरता के साथ सामने आया। आरोप था कि वीडियोकॉन समूह के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत से संबंधित एक कंपनी ने 2010 में न्यूपावर में 64 करोड़ रुपये का निवेश किया और बाद में कंपनी का स्वामित्व दीपक कोछड़ के स्वामित्व वाले एक ट्रस्ट को 9 लाख रुपये में हस्तांतरित कर दिया गया।

यह मालिकाना हक 2012 में वीडियोकॉन समूह को आईसीआईसीआई बैंक से 3,250 करोड़ रुपये का ऋण मिलने के बाद ही दिया गया। सीबीआई ने 2019 में आईसीआईसीआई बैंक के साथ 1,730 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में धूत, कोछड़ दंपती एवं न्यूपावर और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज कंपनियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता तथा भ्रष्टाचार निरोध अधिनियम के प्रावधानों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।

वीडियोकॉन को दिए गए कर्ज गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) करार दे दिए गए। प्रारंभिक जांच में जांच एजेंसी ने पाया कि बैंक की ऋण आवंटन नीतियों को ताक पर रखकर वीडियोकॉन समूह और अन्य कंपनियों को 2009 से 2011 के बीच कुल 1,875 करोड़ रुपये के छह ऋण दिए गए थे। इन आरोपों के बीच चंदा अनिश्चितकाल के लिए छुट्टी पर चली गईं और बाद में 2018 में आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी के पद से इस्तीफा दे दिया।

First Published - December 26, 2022 | 10:17 PM IST

संबंधित पोस्ट