संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शीर्ष अधिकारियों को कड़ा संदेश देते हुए दोटूक कह दिया कि भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के पास 4जी और 5जी की शुरुआत के लिए ‘केवल और केवल भारत में विकसित तकनीक‘ इस्तेमाल करने के अलावा कोई चारा नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर कोई दूसरों के लिए ‘वफादारी’ रखता है तो उन्हें भूल जाए और आगे बढ़े या उन्हीं के पास चला जाए।
वैष्णव ने पिछले सप्ताह के अंत में बीएसएनएल के मुख्य महाप्रबंधकों और अन्य कर्मचारियों के साथ खुली बैठक की थी। बैठक में मौजूद सूत्रों के मुताबिक वैष्णव ने बीएसएनएल को 4जी और 5जी सेवाओं के जरिये अपने मोबाइल ग्राहकों की संख्या दोगुनी से अधिक यानी 20 करोड़ करने का लक्ष्य दिया। उन्होंने साफ किया कि 5जी का काम 4जी की शुरुआत के साथ-साथ चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि डी-डॉट द्वारा 5जी तकनीक तैयार होने के बाद उन्हें नेटवर्क पर 4जी के साथ 5जी रेडियो को जोड़ने की शुरुआत करनी चाहिए।
यह बैठक बीएसएनएल को उबारने के लिए सरकार द्वारा 1.64 लाख करोड़ रुपये के दूसरे पैकेज की घोषणा के कुछ दिन बाद बुलाई गई। इस पैकेज में ताजा पूंजी झोंकना, स्पेक्ट्रम का आवंटन, बैलेंस शीट को कर्ज मुक्त बनाना और भारत ब्रॉडबैंड निगम लिमिटेड की फाइबर क्षमता बढ़ाने के लिए उसका बीएसएनएल में विलय करना शामिल है। वैष्णव ने पैकेज को उचित ठहराते हुए कहा कि बीएसएनएल मजबूत कंपनी बन गई है, जो परिचालन लाभ कमा रही है और जिसकी 10 फीसदी स्थिर बाजार हिस्सेदारी है।
आत्मनिर्भर भारत को वैष्णव का बड़ा प्रोत्साहन इस लिहाज से अहम है कि 3जी में बीएसएनएल के ज्यादातर नेटवर्क ठेके चीनी कंपनी जेडटीई के साथ नोकिया और एरिक्सन को दिए गए। इन कंपनियों में से ज्यादातर का अब भी बीएसएनएल पर बकाया है। मगर चीन की कंपनियों को 5जी उपकरण बाजार में भागीदारी की मंजूरी नहीं दी जा रही है। ऐसे में सैमसंग समेत अन्य दूरसंचार उपकरण विनिर्माता कंपनियों का अभी बीएसएनएल के साथ मामूली जुड़ाव है और उन्होंने 4जी में निजी बाजार पर ज्यादा ध्यान दिया है। बीएसएनएल ने 4जी ऑर्डर नहीं दिए हैं।
इस फैसले से तेजस नेटवर्क, वीवीडीएन, एचएफसीएल जैसी घरेलू उपकरण कंपनियों और टीसीएस एवं टेक महिंद्रा जैसी सॉफ्टवेयर कंपनियों को इंटीग्रेटर के रूप में बड़ी भूमिका निभाने में मदद मिलेगी। वैष्णव ने ग्राहकों का बड़ा लक्ष्य रखा है। 31 मई, 2022 को बीएसएनएल के 7.23 करोड़ ग्राहक थे, जो कुल ग्राहकों के 9.85 फीसदी थे। एमटीएनएल को भी जोड़ें तो यह आंकड़ा करीब 10 करोड़ हो जाता है। मामला बहुत सुस्त रफ्तार से बढ़ रहा है। ऐसे में विश्लेषकों का कहना है कि 20 करोड़ ग्राहकों का लक्ष्य बहुत बड़ा नजर आता है। अन्य कंपनियां 5जी शुरू कर रही हैं, इसलिए यह दौड़ में काफी पीछे है।
वैष्णव ने 62,000 कर्मचारियों से कहा कि बीएसएनएल में इतना अधिक धन इसलिए लगाया जा रहा है क्योंकि यह महत्त्वपूर्ण क्षेत्र और महत्त्वपूर्ण पीएसयू है, जिसमें ‘भरोसेमंद मेक इन इंडिया तकनीक इस्तेमाल की जाएगी’। उन्होंने स्वीकार किया कि स्वदेशी तकनीक में चुनौतियां सामने आ सकती हैं और कुछ भी परिपूर्ण नहीं है। लेकिन कंपनी में ज्यादातर कर्मचारी इंजीनियर हैं, इसलिए उन्हें चुनौतियों पर काम करना होगा, नए वर्जन लाने होंगे और उनमें सुधार करना होगा। यह इंजीनियरों को कॉलेजों में दिए जाने वाले प्रशिक्षण के समान है।
उन्होंने यह साफ किया कि 5जी का सफर 4जी के साथ ही शुरू हो जाना चाहिए। इसलिए सी-डॉट के अपने 5जी रेडियो तैयार तैयार करने के साथ ही उन्हें तत्काल एकीकृत किया जाना चाहिए। उत्पादों के प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट को मंजूरी मिलने के बाद कंपनियों को उपकरणों के उचित मात्रा में ऑर्डर दिए जाएं।
वैष्णव ने कहा कि कंपनी को दिए गए केपीआई, राजस्व आदि की वह हर महीने समीक्षा करेंगे। उन्होंने सुझाव दिया कि केपीआई में तीन से चार मापदंड नहीं होने चाहिए ताकि स्पष्टता रहे। वरिष्ठ अधिकारी अपने टीम सदस्यों को स्पष्ट लक्ष्य दें। मंत्री ने कहा साफ कहा कि अब कर्मचारियों को अच्छे प्रदर्शन या कंपनी से बाहर जाने में से एक विकल्प चुनना होगा। अगर वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकते तो वे स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले सकते हैं। अगर उन्हें समझ नहीं आ रहा तो सरकार के पास फंडामेंटल रूल्स का 56 (जे) विकल्प है, जिसमें सरकार समय से पहले ही सरकारी अधिकारियों को सेवानिवृत्त कर सकती है। उन्होंने कहा कि यह नियम रेलवे में पहले ही इस्तेमाल हो चुका है और अब इसे बीएसएनएल में भी इस्तेमाल किया जाएगा।