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FDI बढ़ा तो भी नहीं बदलेगा PSB का लक्ष्य: UCO Bank CEO

UCO Bank के सीईओ अश्विनी कुमार ने कहा, हम निष्क्रिय पीएमजेडीवाई खातों को सक्रिय करने के लिए सैचुरेशन ड्राइव चला रहे हैं और ग्राहकों से व्यक्तिगत रूप से मिल रहे हैं।

Last Updated- July 23, 2025 | 7:38 AM IST
UCO Bank
Ashwani Kumar, Managing Director and Chief Executive Officer (MD&CEO), UCO Bank

स्टार्टअप सेक्टर में कर्ज को बढ़ावा देने के लिए सरकार की गारंटी स्कीम आने वाले वर्षों में अहम भूमिका निभा सकती है। यह कहना है यूको बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अश्वनी कुमार का। बिज़नेस स्टैंडर्ड से बातचीत में उन्होंने प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) के तहत निष्क्रिय खातों, सेविंग अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस को लेकर बैंक की रणनीति और एफडीआई पर अपने विचार साझा किए। प्रस्तुत हैं बातचीत के संपादित अंश:

जनधन खातों में निष्क्रियता से निपटने के लिए बैंक क्या कदम उठा रहा है?

हम जनधन खातों की निष्क्रियता को दूर करने के लिए सैचुरेशन ड्राइव चला रहे हैं, जिसमें खाताधारकों से व्यक्तिगत तौर पर संपर्क कर उन्हें खाता सक्रिय रखने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। बड़ी समस्या यह है कि कई ग्राहकों के विभिन्न बैंकों में एक से अधिक खाते हैं और वे डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) का लाभ किसी अन्य खाते में प्राप्त कर रहे हैं। हम खातों को सक्रिय करने के लिए कई विकल्प दे रहे हैं। अगर ग्राहक खाता बंद कराना चाहता है, तो हम उसकी सहमति से ही यह प्रक्रिया पूरी करते हैं।

सेविंग अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस से जुड़ी नीति पर क्या रुख है?

बैंक को न्यूनतम बैलेंस न रखने पर जुर्माने से सालाना करीब ₹70–75 करोड़ की आय होती है। हालांकि, इस जुर्माने को हटाने का फैसला बोर्ड के समक्ष रखा जाएगा और बोर्ड की मंजूरी मिलने के बाद ही इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

यह भी पढ़ें: ‘मशीनी व्यवहार, शिकायतों के लिए जिम्मेदार’: RBI डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जानकीरमण

अगर सरकार सरकारी बैंकों में FDI सीमा बढ़ाती है, तो इसे आप किस नजरिए से देखते हैं?

बैंकिंग सेक्टर में पूंजी का आना हमेशा स्वागत योग्य है। इससे भारत में निवेश भी बढ़ेगा। मेरा मानना है कि इससे सरकारी बैंकों की वित्तीय समावेशन की प्रतिबद्धता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अंतिम छोर तक सेवाएं पहुंचाना और कमजोर वर्गों तक वित्तीय सेवाएं देना पीएसबी के डीएनए में है।

आपके व्हीकल लोन सेगमेंट में जबरदस्त उछाल,  कैसे मिली रफ्तार?

हमने वाहन ऋण खंड में वृद्धि के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। सबसे पहले, मारुति सुजुकी जैसी कंपनियों और कुछ डायरेक्ट सेलिंग एजेंट्स (DSAs) के साथ रणनीतिक साझेदारी की है। इसके अलावा, देशभर में रिटेल हब्स को मजबूत किया गया है, जिससे लोन स्वीकृति की प्रक्रिया तेज हुई है। साथ ही, हमने अपने उत्पाद को बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए उसमें जरूरी बदलाव भी किए। जून 2024 में हमारे वाहन ऋण पोर्टफोलियो का आकार ₹3,164 करोड़ था, जो जून 2025 में बढ़कर ₹5,282 करोड़ हो गया है। यह सालाना आधार पर 66.94% की वृद्धि को दर्शाता है।

स्टार्टअप को लोन देने में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की झिझक क्यों?

स्टार्टअप सेक्टर में सबसे बड़ी बाधा क्रेडिट गारंटी कवर की कमी रही है। खासकर उन स्टार्टअप्स के मामले में जो नुकसान में चल रहे थे या जिनका संचालन शुरू नहीं हुआ था, उनके ऋण प्रस्तावों का मूल्यांकन करना मुश्किल होता था। इस कारण कई आवेदकों को ऋण के लिए योग्य नहीं माना गया। लेकिन अब गारंटी कवर मिलने से स्थिति में सुधार हो रहा है। हमने अपने एमएसएमई सेल के तहत विशेष स्टार्टअप डेस्क भी स्थापित किए हैं। इस क्षेत्र में लाभप्रदता आने में समय लगता है, इसलिए सरकारी गारंटी बहुत अहम है। सार्वजनिक धन से जुड़ा मामला होने के कारण बैंक यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि ऋण प्रस्ताव मजबूत हों। पहले कुछ चुनौतियां थीं, लेकिन अब गारंटी मैकेनिज़्म आने के बाद स्टार्टअप को लोन देने का माहौल बेहतर हो रहा है।

को-लेंडिंग में बैंक की वर्तमान स्थिति क्या है?

हमारी को-लेंडिंग में कुल हिस्सेदारी फिलहाल ₹2,000 करोड़ के आसपास है। फिलहाल हम भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की अंतिम दिशानिर्देशों का इंतजार कर रहे हैं। जैसे ही स्पष्ट गाइडलाइंस आएंगी, इस क्षेत्र में गति आने की उम्मीद है। अभी हमारी सात एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) के साथ साझेदारी है।

कॉरपोरेट लेंडिंग और विस्तार योजनाओं पर अपडेट

बैंक की कॉरपोरेट लेंडिंग पोर्टफोलियो में फिलहाल 14-15% की सालाना ग्रोथ दर्ज की जा रही है। इस वृद्धि का मुख्य आधार डाटा सेंटर, वस्त्र उद्योग, इलेक्ट्रिक वाहन और लोहा एवं इस्पात जैसे सेक्टर हैं। बैंक फिलहाल बड़े कॉर्पोरेट ऋणों पर फोकस नहीं कर रहा है, बल्कि मध्यम आकार की कंपनियों को लोन देने की रणनीति पर काम कर रहा है। वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) में इस खंड में 12-14% की वृद्धि का अनुमान है।

क्या है विस्तार योजना?

वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान बैंक देशभर में 150 नई शाखाएं खोलने की योजना पर काम कर रहा है। इसके लिए स्थानों का चयन बैंक की ‘प्रिमाइसेज़ कमेटी’ की सिफारिशों के आधार पर पहले ही कर लिया गया है। दिसंबर 2025 से जनवरी 2026 तक अधिकांश नई शाखाएं शुरू हो जाएंगी।

30 जून 2025 तक बैंक के पास कुल 3,305 घरेलू शाखाओं का नेटवर्क था। इसके अलावा, हांगकांग और सिंगापुर में एक-एक ओवरसीज़ ब्रांच और ईरान में एक प्रतिनिधि कार्यालय भी है। कुल घरेलू शाखाओं में से करीब 2,033 शाखाएं (लगभग 61%) ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं।

First Published - July 23, 2025 | 7:38 AM IST

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