घरेलू वाहन कंपनी टाटा मोटर्स ने आज कहा कि वह यात्री इलेक्ट्रिक वाहन कारोबार में टीपीजी राइज क्लाइमेट से एक अरब डॉलर (करीब 7,500 करोड़ रुपये) जुटाएगी। यह राशि कारोबार के 9.1 अरब डॉलर तक के मूल्यांकन के आधार पर जुटाई जाएगी। कंपनी ने एक बयान में कहा कि टाटा मोटर्स और टीपीजी राइज क्लाइमेट ने बाध्यकारी समझौता किया है। इसके तहत टीपीजी राइज क्लाइमेट अपनी सह-निवेशक एडीक्यू के साथ टाटा मोटर्स की सहायक इकाई में निवेश करेगी। इस सहायक इकाई का गठन हाल में हुआ है।
बयान के अनुसार टीपीजी राइज क्लामेट अपनी सह-निवेशक के साथ 11 से 15 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने के लिए 7,500 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इसके आधार पर कंपनी का इक्विटी मूल्यांकन 9.1 अरब डॉलर का आंका गया है।
एडीक्यू अबुधाबी सरकार की रणनीतिक साझेदार और क्षेत्र की सबसे बड़ी होल्डिंग कंपनी है। इसका स्थानीय और विदेश की 90 से भी ज्यादा कंपनियों में निवेश है।
इस घटनाक्रम पर टाटा मोटर्स के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा, ‘भारत में इलेक्ट्रिक यात्री वाहन के लिए बाजार तैयार करने के हमारे सफर में टीपीजी राइज क्लाइमेट का साथ मिलने को लेकर हम उत्साहित हैं।’ उन्होंने कहा कि कंपनी ग्राहकों के लिए उपयोगी और आकर्षक उत्पाद लाने के लिए निवेश करती रहेगी।
चंद्रशेखरन ने कहा, ‘सरकार ने 2030 तक कुल वाहनों में 30 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहन का लक्ष्य रखा है और इसमें अग्रणी भूमिका निभाने के लिए कंपनी प्रतिबद्घ है।’ नई ई-वाहन कंपनी सभी मौजूदा निवेश और टाटा मोटर्स की क्षमता का लाभ उठाएगी और इलेक्ट्रिक वाहन के क्षेत्र में आगे और निवेश जुटाएगी। कंपनी चार्जिंग के लिए बुनियादी ढांचे और बैटरी प्रौद्योगिकी में भी निवेश आकर्षित करेगी।
कंपनी ने बयान में कहा, ‘अगले पांच साल में यह कंपनी टाटा पावर के साथ मिलकर 10 ई-वाहन का पोर्टफोलियो तैयार करेगी और भारत में ई-वाहनों को तेजी से अपनाने के लिए चार्जिंग स्टेशनों का व्यापक स्तर पर प्रसार किया जाएगा।’
टाटा मोटर्स में निवेश पर टीपीजी राइज क्लाइमेट के मैनेजिंग पार्टनर और टीपीजी के संस्थापक साझेदार जिम कोल्टर ने कहा, ‘भारत के ई-वाहन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हो रही है। सरकार भी इस पर जोर दे रही है और उसके अनुकूल नीतियां बना रही हैं। इसके साथ ही ग्राहक भी पर्यावरण अनुकूल समाधान की मांग कर रहे हैं। यह निवेश टीपीजी राइज क्लाइमेंट के परिवहन में कार्बन उत्सर्जन को खत्म करने की रणनीति के अनुरूप है। भारत में टीपीजी का लंबा इतिहास रहा है।’
टाटा मोटर्स ने कहा कि पहले चरण का पूंजी निवेश मर्च 2022 तक होने की उम्मीद है और समूचा निवेश 2022 के अंत तक पूरा हो जाएगा।
