बिजली के उपकरण बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार तोशीबा कॉरपोरेशन ने भी भारत का रुख कर दिया है।
कंपनी बड़े बिजली संयंत्रों के लिए टरबाइन बनाने के इरादे से भारत में साझा उपक्रम शुरू करने जा रही है। यह साझा उपक्रम देश में स्थापित होने वाले मेगा बिजली संयंत्रों के लिए बोली लगाने पर भी विचार करेगी।तोशीबा इंडिया के प्रबंध निदेशक युझो कातो ने बताया, ‘टरबाइन निर्माण के लिए साझा उपक्रम बनाने के सिलसिले में हम एक से ज्यादा भारतीय कंपनियों के साथ बातचीत कर रहे हैं।
इसके जरिये बड़े बिजली संयंत्रों के लिए बोली भी लगाई जाएगी।’सूत्रों के मुताबिक इस साझे उपक्रम के लिए इंजीनियरिंग और निर्माण क्षेत्र की दिग्गज कंपनी लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी) तोशीबा के साथ बात कर रही है।युझो ने बताया, ‘अभी साझेदार का नाम लेना बहुत जल्दबाजी होगी क्योंकि हमने आखिरी तौर पर कुछ भी तय नहीं किया है। भारत में बिजली का क्षेत्र बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है और हमें इसमें अपने लिए बहुत मौके दिख रहे हैं।
‘तोशीबा इंडिया ने भारत से 2015 तक सालाना राजस्व 4,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इसमें से बड़ा हिस्सा बिजली और औद्योगिक क्षेत्र से ही आएगा।तोशीबा तमिलनाडु या गुजरात में साझेदार के साथ 3,000 मेगावाट सालाना क्षमता वाला संयंत्र लगाने की योजना बना रही है। इसमें 1,000 मेगावाट क्षमता तक की सुपरक्रिटिकल स्टीम टरबाइन बनाई जाएंगी।
कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक इसमें तकरीबन 800 करोड़ रुपये का निवेश होने की संभावना है।भारत में बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए तमाम कंपनी बिजली उपकरण बनाने के क्षेत्र में उतर रही हैं। इनमें भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड, अनिल धीरूभाई अंबानी समूह और लार्सन ऐंड टुब्रो प्रमुख हैं। इनमें से ज्यादातर कंपनियां इस क्षेत्र में पहले से ही काम शुरू कर चुकी हैं। जानकारों के मुताबिक बिजली उपकरणों की मांग अब दिनोदिन बढ़ने के आसार हैं।