भारत से यूरोप जाने की सीधी उड़ान में यात्रियों का संकट दिख रहा है क्योंकि अब भारतीय पर्यटक पश्चिम एशिया और यूरोप के कुछ शहरों से लंदन, पैरिस, फ्रैंकफर्ट, एम्सटर्डम, इंस्तानबुल और मिलान जैसे शहरों में सस्ती कीमत पर पहुंच रहे हैं।
बड़ी संख्या के लोगों द्वारा सीधी उड़ानें नहीं लेने के बारे में विमानन अनुसंधान कंपनी ओएजी ने कहा कि इंडिगो जैसी किफायती विमानन कंपनी अपने कम लागत वाले मॉडल का फायदा लेते हुए इन यात्रियों को सीधी उड़ानों के जरिये यात्रा कराने के लिए अच्छी स्थिति में है। ओएजी के दिसंबर 2023 से नवंबर 2024 के आंकड़ों से पता चलता है कि मुंबई से लंदन जाने वाले एक तिहाई यात्रियों और दिल्ली से लंदन जाने वाले एक चौथाई यात्रियों ने सीधी उड़ानों के बजाय घूम-घूम कर यात्रा की है।
मुंबई से पेरिस जाने वाले 42 फीसदी और मुंबई से एम्सटर्डम जाने वाले 65 फीसदी यात्री है जिन्होंने सीधी उड़ान नहीं ली। भले ही लुफ्थांसा का भारतीय परिचालन मजबूत है मगर इस बीच दिल्ली से मिलान जाने वाले 60 फीसदी और मुंबई से फ्रैंकफर्ट जाने वाले एक चौथाई यात्रियों ने सीधी उड़ान नहीं भरी। यहां तक की टर्किश एयरलाइंस जिसकी भारत में दमदार उपस्थिति है उसके भी 18 फीसदी भारतीय यात्री मुंबई से इस्तांबुल जाने के लिए सीधी उड़ानों का विकल्प नहीं चुनते हैं।
लंदन इसमें शीर्ष पर रहा। इस अवधि के दौरान मुंबई से जाने वाले 99,191 यात्रियों ने सीधी उड़ानें नहीं लीं जबकि 2,33,100 यात्रियों ने सीधी उड़ानें लीं। दिल्ली से लंदन जाने वाले 1,02,028 यात्रियों ने घूमकर यात्रा की जबकि 3,16,111 यात्रियों ने सीधी उड़ानों का रुख किया।
इस प्रवृत्ति के बारे में ट्रैवल एजेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष अनिल कलसी समझाते हैं, ‘भारतीय यात्री किफायत पसंद करते हैं और सीधी उड़ानों के बजाय घूम कर यात्रा करना कम से कम 10,000 से 20,000 रुपये सस्ता होता है। गल्फ एयर, ओमान एयर, एतिहाद एयरवेज, कुवैत एयरवेज और यूरोप में एयर एस्टाना, एलओटी पोलिश एयरलाइंस और टर्किश एयरलाइंस जैसी असंख्य विमानन कंपनियां आकर्षक कीमतों की पेशकश करती हैं। कई यात्री अधिक जगह घूमने के लिए रुक-रुक कर यात्रा करना पसंद करते हैं।’
मगर उन्होंने कहा कि लंबी दूरी के मार्गों पर किफायती विमानन कंपनियां खेल बदल सकती हैं और उन्हें उम्मीद है कि इंडिगो ऐसा कर सकती है। ओएजी ने कहा है कि इंडिगो ने साल 2027 से यूरोप के सभी गंतव्यों सहित लंबी दूरी की उड़ानें शुरू करने की योजना बनाई थी, लेकिन कंपनी अब इसे 2025 में ही शुरू कर सकती है।