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Bengaluru का यह स्टार्टअप AI की मदद से सड़कों पर करता है गड्ढों की पहचान

गड्ढे वाली सड़कें न केवल हमारी यात्रा को असुविधाजनक बनाते हैं बल्कि खतरनाक भी बनाते हैं, खासकर दोपहिया वाहनों के लिए।

Last Updated- January 02, 2024 | 4:29 PM IST
Potholes

भारतीय शहरों में बेहतर सड़कों की कमी जगजाहिर है। सड़कों की क्वालिटी समय-समय पर तमाम सरकारी दावों की पोल खोल रहती है। गड्ढा मुक्त सड़कें आज भी एक सपने के पूरा होने जैसा है। गड्ढे वाली सड़कें न केवल हमारी यात्रा को असुविधाजनक बनाते हैं बल्कि खतरनाक भी बनाते हैं, खासकर दोपहिया वाहनों के लिए।

RoadMetrics रियल टाइम में करता है गड्ढों की पहचान

मगर बेंगलूरु के एक स्टार्टअप ने गड्ढों की पहचान करने और उन्हें ठीक करने के लिए रोडमेट्रिक्स (RoadMetrics) नाम का एक एप्लिकेशन बनाया है। यह एप्लिकेशन AI की मदद से रियल टाइम में सड़कों पर गड्ढों और दरारों का पता लगाता है और लोगों को बेहतर मार्ग चुनने में मदद करता है। उपलब्ध जानकारी के मुताबिक फिलहाल रोडमेट्रिक्स की सेवाएं बेंगलूरु शहर के लिए ही उपलब्ध है।

Google Maps की इस कमी से आया RoadMetrics बनाने का आइडिया

भारत में कई वर्षों से गूगल मैप (Google Maps) मौजूद है, और यह काफी अच्छा काम करता है, लेकिन यह अभी तक भारतीय परिस्थितियों के लिए पूरी तरह से अनुकूल नहीं है। भारतीय सड़कों की स्थिति के हिसाब से एक मैप की जरूरत ने कंप्यूटर साइंस ग्रेजुएट दीपेन बाबरिया को रोडमेट्रिक्स बनाने के लिए प्रेरित किया।

दीपेन बाबरिया ने अपने सहयोगी मिशाल जरीवाला और औद्योगिक इंजीनियरिंग विशेषज्ञ निखिल प्रसाद मारोली के साथ मिलकर 2019 में रोडमेट्रिक्स नाम का एक एप्लिकेशन बनाया।

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RoadMetrics दो वेरिएंट में उपलब्ध

स्मार्टफोन की मदद से इमेज और सेंसर डेटा को इस एप्लिकेशन तक पहुंचाा जाता है। इसके बाद AI एल्गोरिदम उपलब्ध डेटा के आधार पर गड्ढे को क्रेक, वर्टिकल, हॉरिजॉन्टल और एलीगेटर के रूप में चार कैटेगरी में बांटता है। यह एप्लिकेशन दो वेरिएंट में आता है- मोबाइल और एंटरप्राइज।

AI एल्गोरिदम के अलावा, स्टार्टअप ने रोडमेट्रिक्स मैप्स भी डेवलप किया है जो यूजर्स को सबसे तेज, सबसे आरामदायक और कम ट्रैफिक वाली सड़कें ढूंढने में मदद करता है। रोडमेट्रिक्स का टारगेट केवल सड़कों पर गड्ढों की पहचान करना ही नहीं है बल्कि उसे ठीक भी करना है। इसलिए कंपनी ने B2C से B2B मॉडल पर काम करना शुरू किया है।

First Published - January 2, 2024 | 4:29 PM IST

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