भारतीय शहरों में बेहतर सड़कों की कमी जगजाहिर है। सड़कों की क्वालिटी समय-समय पर तमाम सरकारी दावों की पोल खोल रहती है। गड्ढा मुक्त सड़कें आज भी एक सपने के पूरा होने जैसा है। गड्ढे वाली सड़कें न केवल हमारी यात्रा को असुविधाजनक बनाते हैं बल्कि खतरनाक भी बनाते हैं, खासकर दोपहिया वाहनों के लिए।
मगर बेंगलूरु के एक स्टार्टअप ने गड्ढों की पहचान करने और उन्हें ठीक करने के लिए रोडमेट्रिक्स (RoadMetrics) नाम का एक एप्लिकेशन बनाया है। यह एप्लिकेशन AI की मदद से रियल टाइम में सड़कों पर गड्ढों और दरारों का पता लगाता है और लोगों को बेहतर मार्ग चुनने में मदद करता है। उपलब्ध जानकारी के मुताबिक फिलहाल रोडमेट्रिक्स की सेवाएं बेंगलूरु शहर के लिए ही उपलब्ध है।
भारत में कई वर्षों से गूगल मैप (Google Maps) मौजूद है, और यह काफी अच्छा काम करता है, लेकिन यह अभी तक भारतीय परिस्थितियों के लिए पूरी तरह से अनुकूल नहीं है। भारतीय सड़कों की स्थिति के हिसाब से एक मैप की जरूरत ने कंप्यूटर साइंस ग्रेजुएट दीपेन बाबरिया को रोडमेट्रिक्स बनाने के लिए प्रेरित किया।
दीपेन बाबरिया ने अपने सहयोगी मिशाल जरीवाला और औद्योगिक इंजीनियरिंग विशेषज्ञ निखिल प्रसाद मारोली के साथ मिलकर 2019 में रोडमेट्रिक्स नाम का एक एप्लिकेशन बनाया।
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स्मार्टफोन की मदद से इमेज और सेंसर डेटा को इस एप्लिकेशन तक पहुंचाा जाता है। इसके बाद AI एल्गोरिदम उपलब्ध डेटा के आधार पर गड्ढे को क्रेक, वर्टिकल, हॉरिजॉन्टल और एलीगेटर के रूप में चार कैटेगरी में बांटता है। यह एप्लिकेशन दो वेरिएंट में आता है- मोबाइल और एंटरप्राइज।
AI एल्गोरिदम के अलावा, स्टार्टअप ने रोडमेट्रिक्स मैप्स भी डेवलप किया है जो यूजर्स को सबसे तेज, सबसे आरामदायक और कम ट्रैफिक वाली सड़कें ढूंढने में मदद करता है। रोडमेट्रिक्स का टारगेट केवल सड़कों पर गड्ढों की पहचान करना ही नहीं है बल्कि उसे ठीक भी करना है। इसलिए कंपनी ने B2C से B2B मॉडल पर काम करना शुरू किया है।