एफएमसीजी कंपनी इमामी ने गुरुवार को उत्तराधिकार योजना का अनावरण किया और संस्थापकों ने मेंटर की भूमिका स्वीकार की और अगली पीढ़ी को कंपनी की कमान थमा दी। आज आयोजित निदेशक मंडल की बैठक में संस्थापकों आर एस अग्रवाल और आर एस गोयनका ने मौजूदा कार्यकारी पदों से हटने की इच्छा जताई। अग्रवाल कंपनी के चेयरमैन थे जबकि गोयनका कंपनी के निदेशक मंडल में निदेशक।
एक बयान में कंपनी ने कहा, बोर्ड ने आमसहमति से गोयनका को गैर-कार्यकारी चेयरमैन नियुक्त करने का फैसला लिया है जबकि अग्रवाल कंपनी के मानद चेयरमैन होंगे और यह एक अप्रैल, 2022 से प्रभावी होगा। कंपनी ने कहा, संस्थापक अपने नए पद के लिए किसी तरह की परिलब्धियां स्वीकार नहींं करेंगेे। यह कदम बाजार नियामक सेबी के उस नियम के लागू होने से पहले देखने को मिल रहा है, जिसमें नियामक ने चेयरपर्सन व मुख्य कार्याधिकारी की भूमिका को अप्रैल 2022 से अलग करना अनिवार्य कर दिया है। साथ ही इन भूमिकाओं से जुड़े व्यक्ति एक दूसरे से संबंधित नहीं हो सकते। इमामी ने कहा, बोर्ड के पुनर्गठन का फैसला समूह के एफएमसीजी कारोबार की उत्तराधिकार योजना का हिस्सा है और बोर्ड ने इसके साथ ही मोहन गोयनका और हर्ष वी अग्रवाल को क्रमश: वाइस चेयरमैन व पूर्णकालिक निदेशक और वाइस चेयरमैन व प्रबंध निदेशक नियुक्त कर दिया है और वे कंपनी का कामकाज संभालेंगे, जो शेयरधारकों की मंजूरी पर निर्भर करेगा।
मोहन गोयनका, आर एस गोयनका के बड़े बेटे हैं और हर्ष अग्रवाल, आर एस अग्रवाल के छोटे बेटे। विश्लेषकों ने इस घटनाक्रम को नियोजित उत्तराधिकार बताया है क्योंंकि हर्ष अग्रवाल और मोहन गोयनका अहम भूमिका में रहे हैं। साल 2008 में दोनों ने झंडू फार्मास्युटिकल्स के अधिग्रहण की अगुआई की थी। इसके अलावा हर्ष अग्रवाल ने इमामी के पोर्टफोलियो में केश किंग को साल 2015 में जोड़ा और गोयनका को फेयर ऐंड हेंडसम रेंज पेश करने के लिए जाना जाता है यानी एक श्रेणी के सृजक के तौर पर।
पद में बदलाव पर टिप्पणी करते हुए आर एस अग्रवाल और आर एस गोयनका ने कहा कि मोहन गोयनका और हर्ष वी अग्रवाल पिछले दो दशकों में संगठन के परिचालन व उसे आगे बढ़ाने में अगली पंक्ति में रहे हैं और आज अहम पद पर उनकी ताजपोशी कर उनके योगदान को हमारे निदेशक मंडल ने औपचारिकता प्रदान की है। उन्होंंने कहा, हमेंं पूरा भरोसा है कि अगली पीढ़ी के ये नेतृत्वकर्ता आने वाले समय में इमामी समूह की विरासत व वैल्यू बनाए रखेंगे। संस्थापकों ने साल 1974 में कारोबार शुरू किया था। उन्होंने कहा, इमामी हमारे स्नेह व जुनून का नतीजा है, जिसके तहत हमने अलग तरह का देसी संगठन सृजित किया और विभिन्न वर्षों में हितधारकों ने हमें जो सहयोग दिया है, उसके लिए हम आभारी हैं।
एक संयुक्त बयान में मोहन गोयनका व हर्ष वी अग्रवाल ने उन पर भरोसा करने के लिए संस्थापकों व निदेशक मंडल का आभार जताया। उन्होंने कहा, हमें हमारे संस्थापकों के विजन व वैल्यू से निर्देशित होते रहे हैं और उनकी गहरी मित्रता ने भी हमें प्रभावित किया है। कंपनी ने यह भी सूचित किया कि इमामी बोर्ड ने आर एस गोयनका के छोटे भाई सुशील के गोयनका के प्रबंध निदेशक के पद से हटने के प्रस्ताव को स्वीकार करलियाहै और उन्हें पूर्णकालिक निदेशक नियुक्त कर दिया है, जो 1 अप्रैल 2022 से प्रभावी होगा।
इमामी समूह की अन्य कंपनियां हैं इमामी पेपर मिल्स, इमामी एग्रोटेक और एएमआरआई हॉस्पिटल्स। इन कारोबारों की अगुआई गोयनका व अग्रवाल फैमिली के सदस्य कर रहे हैं। आर एस अग्रवाल के बड़े बेटे आदित्य अग्रवाल इमामी पेपर मिल्स के कार्यकारी चेयरमैन हैं जबकि आर एस गोयनका के छोटे बेटे मनीष गोयनका निदेशक। एग्रोटेक व हेल्थकेयर कारोबारोंं का परिचालन प्रोफेशनल तरीके से हो रहा है और यह आदित्य अग्रवाल व मनीष गोयनका के बोर्ड सुपरविजन के दायरे में हैं।
इमामी का लाभ 5 फीसदी बढ़ा
इमामी का एकीकृत कर पश्चात लाभ दिसंबर 2021 में समाप्त तिमाही में 5.05 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 219.52 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। एक साल पहले की समान अवधि में कंनपी का कर पश्चात लाभ 208.96 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी का एकीकृत राजस्व इस अवधि में 4 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 971.85 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। तिमाही में महंगाई काफी ज्यादा रही, जिससे उपभोक्ता की मांग घटी और सकल मार्जिन 300 आधार अंक घटकर 67.4 फीसदी रहा, जिसकी वजह प्रमुख कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी थी। पिछले साल के मुकाबले एबिटा 342 करोड़ रुपये पर स्थिर रहा। कंपनी का देसी कारोबार सालाना आधार पर 3 फीसदी बढ़ा, जो पिछले साल 16 फीसदी बढ़ा था यानी उसमें 2 साल में सालाना 9 फीसदी चक्रवृद्धि की रफ्तार से बढ़ोतरी हुई। निदेशक मंडल ने 162 करोड़ रुपये के पूर्ण चुकता शेयरों की पुनर्खरीद को मंजूरी दी है। पुनर्खरीद कीमत 550 रुपये प्रति शेयर से ज्यादा नहीं होगी। बीएस
