सक्रिय तौर पर प्रबंधित म्युचुअल फंड योजनाएं पिछले कुछ वषों से अपने बेंचमार्कों को मात देने मे असमर्थ रही थीं। लेकिन अदाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में गिरावट (जिनमें से दो कंपनियां निफ्टी-59 सूचकांक में शामिल हैं) से सक्रिय इक्विटी योजनाओं को ईटीएफ या इंडेक्स फंडों के मुकाबले अपने प्रदर्शन सुधारने में मदद मिली है।
करीब 83 प्रतिशत लार्जकैप योजनाओं ने कैलेंडर वर्ष 2022 के दौरान अपने बेंचमार्कों के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन किया था। हालांकि सक्रिय तौर पर प्रबंधित योजनाओं का प्रदर्शन मार्च 2023 तिमाही के दौरान काफी सुधरा, क्योंकि अदाणी समूह के 10 शेयरों का पूंजीकरण हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद करीब 12 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा घट गया था।
इसके परिणामस्वरूप, अपने बेंचमार्क के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन करने वाली सक्रिय योजनाओं की संख्या मार्च 2023 में समाप्त 12 महीने की अवधि के लिए घटकर 69 रह गई। वित्त वर्ष 2023 में, 40 प्रतिशत सक्रिय योजनाओं ने निफ्टी-50 सूचकांक से बेहतर प्रदर्शन किया, जबकि कैलेंडर वर्ष 2022 के दौरान यह आंकड़ा महज 26 था।
इक्विटी म्युचुअल फंडों ने अदाणी समूह पर अंडरवेट पोजीशन अपनाई है और कई फंड योजनाओं ने इन शेयरों में अपना निवेश घटाकर लगभग शून्य किया है। अदाणी समूह से जुड़े कई शेयरों ने 2022 में तीन अंक में प्रतिफल दर्ज किया, जिस वजह से फंड प्रबंधकों को अच्छा प्रतिफल हासिल करने में संघर्ष करना पड़ा।
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हालांकि उस वक्त अलग रुख दिखा था जब समूह के 10 शेयरों में जनवरी-फरवरी अवधि के दौरान भारी नुकसान हुआ था। अदाणी समूह के कुछ शेयरों में बड़ी गिरावट से निफ्टी-50 या निफ्टी नेक्स्ट 50 जैसे खास सूचकांकों के प्रदर्शन पर प्रभाव पड़ा।
फिस्डम में शोध प्रमुख नीरव करकेरा का कहना है, ‘सूचकांक के मुकाबले सक्रिय तौर पर प्रबंधित फंडों का प्रदर्शन कैलेंडर वर्ष 2022 के दौरान कमजोर रहा और चौथी तिमाही में इसमें सुधार के लिए अदाणी शेयरों में इसके कम निवेश को कुछ हद तक जिम्मेदार माना जा सकता है।’
गौतम अदाणी समूह की प्रमुख कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज और अदाणी पोर्ट्स ऐंड सेज भी निफ्टी-50 सूचकांक में शामिल हैं। इस सूचकांक में मार्च 2023 तिमाही के दौरान 5.3 प्रतिशत की गिरावट आई। मार्च तिमाही में अदाणी एंटरप्राइजेज 54 प्रतिशत नीचे आया, जो निफ्टी के शेयरों में सर्वाधिक गिरने वाले शेयरों में शुमार रहा, जिसके बाद अदाणी पोर्ट्स में 27 प्रतिशत की कमजोरी दर्ज
की गई।
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करकेरा का कहना है कि सक्रिय योजनाओं के प्रदर्शन में सुधार के पीछे कई अन्य कारक भी हैं और इसकी वजह सिर्फ अदाणी शेयरों में आई कमजोरी नहीं है, क्योंकि इनका बेंचमार्क सूचकांकों में सीमित भारांक है।
उद्योग के दिग्गजों का मानना है कि मौजूदा रुझान ऐक्टिव फंड प्रबंधकों के लिए उत्साहजनक है, लेकिन उन्हें पैसिव योजनाओं में और ज्यादा पूंजी लगाने के रुझान में बदलाव लाने के लिए लगातार शानदार प्रदर्शन करना होगा। वित्त वर्ष 2023 में, उद्योग की पैसिव एयूएम (ऐक्टिव और पैसिव योजनाएं, दोनों शामिल) बढ़कर करीब 7 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई।