शार्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट (Hindenburg Report) आने के बाद से नुकसान झेल रहे अदाणी ग्रुप (Adani group) ने पहला बॉन्ड बायबैक शुरू कर दिया है। जनवरी में आई हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद कंपनी के बॉन्ड और स्टॉक में काफी गिरावट आई थी।
अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड (APSEZ) ने स्टॉक एक्सचेंज फाईलिंग में बताया कि वह अपने जुलाई 2024 बॉन्ड के 13 करोड़ डॉलर और अगली चार तिमाहियों में इतनी ही राशि के बराबर बॉन्ड बायबैक करने की योजना बना रही है।
ब्लूमबर्ग द्वारा ट्रैक की गई अदाणी ग्रुप समूह की कंपनियों के 15 डॉलर मूल्यवर्ग के नोटों में से 10 की कीमतें सोमवार को हांगकांग में सुबह 11:27 बजे बढ़ीं।
हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट ने अपने बॉन्ड और शेयरों को बढ़ाए जाने के बाद बायबैक पूंजीगत खर्च (capital expenditure) को कम करने समेत निवेशकों के विश्वास को फिर से हासिल करने का ग्रुप का यह एक और प्रयास है।
ब्लूमबर्ग इंटेलिजेंस के अनुसार, कर्ज चुकाने की अदाणी पोर्ट्स की “मापी गई रफ़्तार” को इस महीने से शुरू हुए वित्त वर्ष 2023-24 में 40 अरब से 45 अरब रुपये (54.8 करोड़ डॉलर) के अपने संशोधित पूंजीगत खर्च के टारगेट को बनाए रखने में सक्षम होना चाहिए।
हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा 24 जनवरी को एक तीखी रिपोर्ट में समूह की कंपनियों के डॉलर बॉन्ड गिर गए थे, जिसमें समूह के ऋण स्तर और टैक्स हैवन के उपयोग पर सवाल उठाया गया था। अरबपति अध्यक्ष, गौतम अडानी ने रिपोर्ट को निराधार बताया और कहा कि इसकी वित्तीय स्थिति मजबूत है।