प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ओडिशा के झारसुगुड़ा से BSNL की स्वदेशी 4G नेटवर्क की शुरुआत की। यह लॉन्च BSNL की 25वीं सालगिरह के मौके पर हुआ। इस कदम को भारत के टेलीकॉम सेक्टर के लिए बड़ा मील का पत्थर माना जा रहा है। सरकार का फोकस स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा देना है। इस नेटवर्क से ग्रामीण इलाकों में डिजिटल कनेक्टिविटी को मजबूती मिलेगी।
इस मौके पर पीएम मोदी ने 97,500 से ज्यादा 4G मोबाइल टावरों का उद्घाटन किया। इनमें 92,600 टावर नई 4G तकनीक से लैस हैं। इन टावरों को बनाने में करीब 37,000 करोड़ रुपये खर्च हुए। खास बात यह है कि ये पूरी तरह भारत में बनी तकनीक पर आधारित हैं। इससे भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जो अपनी टेलीकॉम तकनीक खुद बना सकते हैं। यह नेटवर्क क्लाउड-बेस्ड है और इसे भविष्य में 5G में अपग्रेड करना आसान होगा।
इस प्रोजेक्ट से 26,700 से ज्यादा गांवों को कनेक्टिविटी मिलेगी। इनमें ओडिशा के 2,472 गांव शामिल हैं। ये गांव ज्यादातर दूरदराज, सीमावर्ती और नक्सल प्रभावित इलाकों में हैं। BSNL का मानना है कि इससे लाखों लोगों को मोबाइल सेवाएं मिलेंगी। खासकर उन इलाकों में, जहां पहले कनेक्टिविटी नहीं थी।
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पीएम मोदी ने कहा कि यह दशक ओडिशा के लिए समृद्धि लाएगा। उन्होंने वादा किया कि संसाधनों से भरपूर यह राज्य अब पीछे नहीं रहेगा। उन्होंने ओडिशा में सेमीकंडक्टर पार्क बनाने की भी घोषणा की। साथ ही, हाल ही में केंद्र सरकार ने ओडिशा के लिए दो सेमीकंडक्टर यूनिट को मंजूरी दी है।
इस नेटवर्क की खासियत यह है कि इसमें सोलर पावर से चलने वाले टावर शामिल हैं। ये देश के सबसे बड़े ग्रीन टेलीकॉम साइट्स का समूह हैं। इससे न सिर्फ कनेक्टिविटी बढ़ेगी, बल्कि पर्यावरण को भी फायदा होगा।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे भारत की कनेक्टिविटी के लिए गेम-चेंजर बताया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में हमने पूरी तरह स्वदेशी तकनीक विकसित की है। गांवों को दुनिया से जोड़ने का असली मतलब तभी है, जब वहां कनेक्टिविटी पहुंचे।
इसके अलावा, डिजिटल भारत निधि पहल के तहत 100% 4G सैचुरेशन नेटवर्क लॉन्च किया गया। इससे 29,000 से 30,000 गांवों को मिशन मोड में जोड़ा जाएगा। यह कदम ग्रामीण भारत में डिजिटल भागीदारी को बढ़ावा देगा और संचार के नए रास्ते खोलेगा।