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अब बैंक और बीमा की असली कॉल ऐसे पहचानें! ट्राई का बड़ा फैसला

अब बैंक और बीमा कंपनियों की असली कॉल तुरंत पहचानेंगे! ट्राई ने किया बड़ा ऐलान

Last Updated- November 20, 2025 | 9:26 AM IST
TRAI

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने बुधवार को बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा संस्थाओं (बीएफएसआई) को निर्देश दिया कि वे सेवा और लेनदेन संबंधी कॉल के लिए अगले साल 1 जनवरी से चरणबद्ध समयसीमा के तहत नई ‘1600’ नंबर वाली श्रृंखला अपनाएं। फिलहाल, ये वित्तीय संस्थान 10 अंकों के मोबाइल नंबर या लैंडलाइन कनेक्शन का उपयोग करते हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) और पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) से नियमन वाली संस्थाओं को उनकी सेवा और लेनदेन कॉल की पहचान के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। इसका उद्देश्य फर्जी, वित्तीय धोखाधड़ी और डिजिटल अरेस्ट पर अंकुश लगाना है। हाल के दिनों में यह तेजी से उभरता हुआ साइबर अपराध बन गया है, जहां धोखेबाज अक्सर वॉयस अथवा वीडियो कॉल के जरिये अनजान लोगों से पैसे ऐंठने के लिए सरकारी या प्रवर्तन अधिकारी होने का दावा करते हैं।

नियामक ने अपने निर्देश में कहा, ‘हितधारकों के साथ ट्राई की बातचीत के आधार पर यह माना गया कि अब समय आ गया है कि इस प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए ताकि जो संस्थाएं सेवा और लेनदेन संबंधी कॉल के लिए मानक 10 अंकों वाले नंबरों का उपयोग कर रही हैं, वे धोखाधड़ी या भ्रामक कॉल के जोखिम को कम करने के लिए 1600 श्रृंखला के नंबरों को अपना लें जिससे विश्वसनीय वित्तीय संस्थानों की आड़ में गुमराह करने वाली कॉलों से बचा जा सके। ‘ दूरसंचार नियामक ने नियामकों की संयुक्त समिति की बैठकों में हुए विचार-विमर्श के बाद बीएफएसआई क्षेत्र के नियामकों से समयसीमा के बारे में जानकारी ली है।

विशेषज्ञों ने कहा कि नंबरों की शुरुआत 1600 से करने को अनिवार्य करके, नियामक उपयोगकर्ताओं के लिए कॉलर की पहचान करना आसान बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठा रहा है। इस कवायद से अनचाहे वाणिज्यिक कॉलों से धोखेबाजों के हाथों ठगे जाने की संभावना कम हो जाएगी। निर्देशों के मुताबिक रिजर्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं को चरणबद्ध तरीके से इसमें शामिल होने का निर्देश दिया गया है। वाणिज्यिक बैंकों को 1 जनवरी, 2026 तक 1600 नंबर श्रृंखला का उपयोग शुरू करने की अनुमति दी गई है।

बड़ी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी), भुगतान बैंकों और स्मॉल फाइनैंस बैंकों को 1 फरवरी, 2026 तक इसे शुरू करना है जबकि बाकी एनबीएफसी सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को 1 मार्च, 2026 से। निर्देशों में सभी म्युचुअल फंडों और परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों सहित सेबी-नियमन वाली संस्थाओं के लिए 15 फरवरी, 2026 तक इसे अपनाना अनिवार्य किया गया है जबकि पात्र शेयर ब्रोकरों को 15 मार्च, 2026 तक 1600 नंबर श्रृंखला का उपयोग शुरू करना है। नियामक ने कहा कि अन्य मध्यस्थ सत्यापन के बाद स्वेच्छा से स्थानांतरित हो सकते हैं।

नियामक ने कहा कि पीएफआरडीए के तहत केंद्रीय रिकॉर्डकीपिंग एजेंसियों और पेंशन फंड प्रबंधकों को 15 फरवरी, 2026 तक नई श्रृंखला अपनानी होगी। इस बीच, बीमा क्षेत्र की संस्थाओं के लिए 1600 नंबर श्रृंखला अपनाने की समय सीमा पर भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) के साथ चर्चा चल रही है और इसे बाद में अधिसूचित किया जाएगा।

दूरसंचार विभाग ने बीएफएसआई क्षेत्र की संस्थाओं और सरकारी संगठनों को उनकी सेवाओं और लेन-देन संबंधी कॉलों को अन्य वाणिज्यिक संचारों से स्पष्ट रूप से अलग करने के लिए ‘1600’ नंबर वली श्रृंखला दी थी। उल्लेखनीय है कि करीब 485 संस्थाओं ने पहले ही 1600 श्रृंखला को अपना लिया है।

First Published - November 20, 2025 | 9:26 AM IST

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