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टाटा संस अपनी सहायक कंपनी के मर्जर पर कर रही विचार

आरबीआई ने कहा था कि अपनी परिसंप​त्तियों के आकार के लिहाज से टॉप10 योग्य NBFC हमेशा अपर लेयर में रहेंगी

Last Updated- February 14, 2023 | 11:24 PM IST
Tata Sons becomes debt free for the first time in 18 years, paving the way for investment in new areas 18 साल में पहली बार Tata Sons बनी कर्ज मुक्त, नए क्षेत्रों में निवेश का रास्ता साफ

टाटा समूह की नियंत्रक कंपनी टाटा संस भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से NBFC (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) के अपर लेयर टैग के रूप में छूट प्राप्त करने के लिए अपनी 100 प्रतिशत परिचालन वाली सहायक कंपनियों में से एक का अपने साथ विलय करने के विकल्प का अध्ययन कर रही है।

कानून क्षेत्र के सूत्रों ने कहा कि सितंबर 2022 में NBFC का अपर लेयर टैग पेश किए जाने से टाटा संस को प्रत्येक सहायक कंपनी और उनकी सहायक कंपनियों की जांच का वित्तीय डेटा जमा करना होगा। कुल मिलाकर ऐसी लगभग 1,300 फर्में हैं। एक सूत्र ने कहा ‘एनबीएफसी का अपर लेयर टैग प्रत्येक कंपनी और दुनिया भर में फैली उनकी सहायक कंपनियों पर आरबीआई की जांच की राह आसान कर देता है।’

सूत्र ने कहा कि वकीलों ने 100 प्रतिशत सहायक कंपनी के विलय का सुझाव दिया है ता​कि मूल कंपनी को छूट मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि अब तक कोई अंतिम फैसला नहीं किया गया है।

टाटा संस ने इस विषय में कोई टिप्पणी नहीं की। मीडिया की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने अपर लेयर वाली NBFC के रूप में छूट प्राप्त करने के लिए RBI के शीर्ष अधिकारियों के साथ मुलाकात की है।
अक्टूबर 2021 में RBI ने कहा था कि अपर लेयर में वे NBFC शामिल होंगी, जिनकी पहचान विशेष रूप से रिजर्व बैंक द्वारा XXX मापदंड और स्कोरिंग पद्धति के आधार पर वारंटी की विस्तृत नियामकीय आवश्यकता के रूप में की गई है।

RBI ने कहा था कि अपनी परिसंप​त्तियों के आकार के लिहाज से शीर्ष 10 योग्य NBFC हमेशा अपर लेयर में रहेंगी, अन्य कारक भले ही कुछ भी हों। पिछले साल सितंबर में आरबीआई ने 15 अन्य NBFC के साथ टाटा संस को भी अपर लेयर वाली NBFC के रूप में रखा था, जिसमें टाटा कैपिटल फाइनैंशियल सर्विसेज भी शामिल थी।

टाटा को सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे नए कारोबारों में अगले पांच साल के दौरान 90 अरब डॉलर मूल्य की अपनी निवेश योजनाओं के लिए धन जुटाने के वास्ते देश और विदेश में विभिन्न स्रोतों से पैसा जुटाना होगा। इसके अलावा, पिछले साल टाटा समूह द्वारा खरीदी गई एयर इंडिया 500 नए विमान हासिल करने के लिए 100 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना बना रही है।

टाटा संस पहले RBI के साथ कोर इन्वेस्टमेंट कंपनी के रूप में पंजीकृत थी, जबकि वित्तीय सेवा प्रदान करने वाली उसकी सहायक कंपनी टाटा कैपिटल CIC और NBFC के रूप में पंजीकृत थी। RBI ने टाटा समूह की नियंत्रक कंपनी टाटा संस और टाटा कैपिटल को अपर लेयर वाली NBFC के रूप में वर्गीकृत किया था। इस वर्गीकरण के बाद टाटा संस के लिए यह अनिवार्य था कि वह NBFC पर लागू होने वाली अनुपालन नीति को मंजूरी दे, जिसमें शीर्ष प्रबंधन को रिपोर्ट करने वाला एक नया मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त करना शामिल था।

First Published - February 14, 2023 | 7:19 PM IST

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