थोक ऋण क्षेत्र में कई ऋणदाताओं द्वारा खाली की गई जगह का लाभ उठाते हुए टाटा कैपिटल बेहतर रेटिंग वाली कंपनियों को अधिक ऋण देने के लिए अपने कॉरपोरेट ऋण कारोबार को रफ्तार देने की तैयारी कर रही है। टाटा कैपिटल के दायरे में तीन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) हैं।
टाटा कैपिटल कंपनियों के वित्त पोषण के लिए एक वैकल्पिक निवेश फंड (एआईएफ) स्थापित करने की भी संभावनाएं तलाश रही है क्योंकि यह कम पूंजी खपत के साथ सौदे के ढांचे को लचीला बनाता है।
कोविड वैश्विक महामारी के बाद टाटा कैपिटल समूह ने सुरक्षित कारोबार पर जोर देने और परिसंपत्ति की गुणवत्ता की रक्षा करने के साथ एक रणनीति तैयार की है। टाटा कैपिटल के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी राजीव सभरवाल ने कहा कि कंपनी अब वेतनभोगी ग्राहकों और एए अथवा इससे अधिक रेटिंग वाली कंपनियों के साथ अधिक कारोबार करेगी।
विश्लेषकों ने कहा कि कोविड वैश्विक महामारी के कारण पैदा हुए आर्थिक व्यवधान के मद्देनजर वित्तीय कंपनियां सहित थोक ऋण क्षेत्र के कई ऋणदाता अब उधारी देने में काफी सतर्क रुख अपना रही हैं। उन्होंने कहा कि कुछ वित्तीय कंपनियां परिसंपत्ति देनदारी संबंधी चुनौतियों से भी जूझ रही हैं जिसकी शुरुआत 2018 में आईएलऐंडएफएस के डिफॉल्ट होने से हुई थी।
लॉकडाउन के कारण पहली तिमाही के महीनों में तमाम कोशिश करने के बाद कारोबार में अब धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। सभरवाल ने कहा कि अगस्त में कारोबार कोविड पूर्व स्तर के मुकाबले 70 फीसदी पर था। जून 2020 में कंपनी के समेकित ऋण खाते का आकार 76,743 करोड़ रुपये का था।
टाटा कैपिटल के बहीखाते का आकार 31 मार्च 2019 को 77,110 करोड़ रुपये का था जो समेकित आधार पर बढ़कर 31 मार्च 2020 को 77,610 करोड़ रुपये हो गया। इसमें 500 करोड़ रुपये की वृद्धि की मुख्य वजह टाटा कैपिटल हाउसिंग फाइनैंस लिमिटेड (टीसीएचएफएल) के ऋण खाते में 547 करोड़ रुपये और टाटा क्लीनटेक कैपिटल लिमिटेड (टीसीसीएल) के ऋण खाते में 455 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी रही। इससे टाटा कैपिटल फाइनैंशियल सर्विसेज लिमिटेड (टीसीएफएसएल) के 502 करोड़ रुपये के नुकसान की भरपाई हो गई।
परिचालन के मोर्चे पर कंपनी ने लागत बनाम आय अनुपात को घटाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया। इसके अलावा उसने प्रणाली में मौजूद पर्याप्त नकदी का भी उपयोग किया ताकि सस्ते फंड के जरिये अधिक लागत वाले ऋण बोझ को उतारा जा सके।
