सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एसआईएसी) के मध्यस्थता फैसले के बाद अब फ्यूचर समूह और ई-कॉमर्स क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एमेजॉन के बीच समझौते पर बातचीत की जा रही है। यह जानकारी दिल्ली उच्च न्यायालय को शुक्रवार को दी गई है। एसआईएसी ने फ्यूचर समूह को ई-कॉमर्स कंपनी को 23.7 करोड़ रुपये का हर्जाना देने का आदेश दिया है।
न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने मामले की सुनवाई 14 जनवरी, 2026 तक के लिए टाल दी है। फ्यूचर कूपन्स और किशोर बियाणी की पुत्री अश्नी बियाणी ने एसआईएसी के फैसले को चुनौती देने के लिए याचिका दायर की थी।
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एसआईएसी ने इस साल जून में किशोर बियाणी के फ्यूचर समूह के साथ एमेजॉन के लंबे समय से चले आ रहे विवाद में उसके पक्ष में फैसला सुनाया था। अधिकरण ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के घटते मूल्य का हवाला देते हुए एमेजॉन द्वारा मांगे गए 1,436 करोड़ रुपये के हर्जाने में से केवल 23.7 करोड़ रुपये देने का आदेश दिया था। अधिकरण के तीन सदस्यीय पीठ ने माना था कि फ्यूचर समूह ने रिलायंस के साथ लेनदेन कर एमेजॉन संग अपने अनुबंध का उल्लंघन किया था।