अशोक लीलैंड (Ashok Leyland) समूह की कंपनी स्विच मोबिलिटी (Switch Mobility) को सरकारी स्वामित्व वाली कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (CESL) द्वारा जारी इलेक्ट्रिक बसों (E-Buses) के आठ लॉट में से तीन में सबसे अधिक बोली लगाने वाली (एल1) घोषित किया गया है।
यह देश भर में राज्य परिवहन उपक्रमों के लिए 6,450 इलेक्ट्रिक बसों के वास्ते अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर है। इसने दिल्ली परिवहन निगम द्वारा ऑर्डर की गई 1,900 बसों के लिए, तेलंगाना की 500 बसों के लिए और केरल की 200 बसों के लिए शीर्ष स्थान हासिल किया। कंपनी ने प्रति किलोमीटर सबसे कम कीमत की पेशकश करने वाली बोलीदाता के लिए ‘एल1’ श्रेणी निर्धारित की थी।
केवल दिल्ली पर ध्यान केंद्रित करने वाली पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी सॉल्यूशंस 2,080 बसों के साथ एकल ऑर्डर के लिहाज से सबसे बड़ी बोलीदाता है, जिसमें एक लॉट में डीटीसी के साथ-साथ परिवहन विभाग भी शामिल था। हालांकि स्विच के बाद यह दिल्ली के लॉट में 1,900 बसों के साथ एल2 बोलीदाता है।
संयुक्त रूप से दिल्ली का ऑर्डर कुल निविदा में लगभग आधा बैठता है।
बोली के नियमों के तहत यह सुनिश्चित करने के लिए कि मूल उपकरण निर्माता (ओईएम) ऑर्डर करें और उनके कंसोर्टियम बसों की वक्त पर डिलिवरी करने में सक्षम हों, दिल्ली में ऑर्डर दो कंपनियों के बीच विभाजित किया गया है, बशर्ते एल2 कंपनी का मूल्य एल1 वाली कंपनी के मूल्य से मेल खाता हो। अगर ऐसा होता है, तो 60 प्रतिशत ऑर्डर सबसे बड़ी बोलीदाता को और 40 प्रतिशत एल2 बोलीदाता के अनुपात में विभाजित किया जाएगा।
अगर एल2 बोलीदाता पेशकश नहीं लेती है, तो एल3 बोलीदाता को एक मौका दिया जाता है और उसे मूल्य से मेल भी करना होता है। अन्य सभी बोली के मामले में दूसरी सबसे ऊंची बोलीदाता को ही विजेता के मूल्य से मेल खाने का मौका दिया जाता है। अगर ऐसा होता है, तो ऑर्डर फिर से उसी अनुपात में विभाजित हो जाता है। जिन अन्य कंपनियों ने बोली लगाई है, उनमें गुरुग्राम स्थित जेबीएम भी शामिल है, जो तीन लॉट में सबसे बड़ी बोलीदाता कंपनी थी, जिसमें लगभग 1,781 ई-बसें थीं। इसमें अंतर-नगरीय उपयोग के लिए तेलंगाना शामिल है।
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निविदा में चौथी कंपनी पिनेकल है, जो अरुणाचल प्रदेश के लिए सबसे बड़ी बोलीदाता है। यह निविदा विभिन्न राज्यों की आवश्यकताओं पर आधारित थी, जिन्हें सीईएसएल ने एकत्रित किया था। इनमें दिल्ली, तेलंगाना, हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश और गुजरात का सूरत शहर शामिल हैं। सीईएसएल के मामले में यह राज्य परिवहन प्राधिकरण की जरूरतों के लिए इलेक्ट्रिक बसों की खारित दूसरा ऑर्डर है। पिछले साल इसने पुनर्गठित फेम 2 योजना के तहत 5,450 इलेक्ट्रिक बसों के लिए ऑर्डर जारी किया था।