फूड और ग्रॉसरी डिलिवरी प्लेटफॉर्म स्विगी ने शुक्रवार को कहा कि कंपनी के निदेशक मंडल ने पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) समेत अन्य सार्वजनिक या निजी पेशकशों के ज़रिए 10,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना को हरी झंडी दे दी है। कंपनी अपनी बैलेंस शीट को मजबूत करने और अपने क्विक कॉमर्स (क्यूकॉम) परिचालन को बढ़ाने के लिए पूंजी जुटा रही है।
एक्सचेंजों को दी सूचना में स्विगी ने कहा कि उसके बोर्ड ने सार्वजनिक या निजी पेशकशों के जरिये एक या एक से ज्यादा किस्तों में क्यूआईपी या अन्य स्वीकृत रास्ते से कुल 10,000 करोड़ रुपये तक की धनराशि जुटाने पर विचार किया है और उसे मंज़ूरी दे दी है। क्यूआईपी पूंजी जुटाने का एक जरिया है, जो सूचीबद्ध कंपनियों को म्युचुअल फंड, बीमा कंपनियों जैसे पात्र संस्थागत खरीदारों से पूंजी जुटाने की सुविधा देता है।
यह घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है जब कंपनी ने पिछले सप्ताह कहा था कि वह क्यूकॉम क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण अतिरिक्त धन जुटाने पर विचार कर रही है। विश्लेषकों से बातचीत में चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के परिणामों को साझा करते हुए कंपनी के मुख्य वित्तीय अधिकारी राहुल बोथरा ने कहा कि इस क्षेत्र में निरंतर निवेश देखा जा रहा है, इसलिए नए फंड का इस्तेमाल वृद्धि पूंजी के रूप में किया जाएगा।
बोथरा ने कहा, क्यूकॉम क्षेत्र लगातार भारी निवेश आकर्षित कर रहा है। नए और पुराने दोनों ही प्रकार की कंपनियां आगे बढ़ रही हैं और निवेश हासिल कर रही हैं। इसलिए हम बोर्ड के साथ इस पर बातचीत करना चाहते थे ताकि अतिरिक्त पूंजी जुटाई जा सके। यह पूंजी वृद्धि के साथ-साथ रणनीतिक रूप से रिजर्व भी होगी, जिसका इस्तेमाल हम आगे चलकर करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि क्यूआईपी के बाद कंपनी को और पूंजी जुटाने की उम्मीद नहीं है।
स्विगी की धन जुटाने की योजना ऐसे समय आई है जब ग्रोसरी क्षेत्र में जेप्टो और ब्लिंकइट जैसी प्रतिद्वंद्वी आक्रामक रूप से विस्तार कर रही हैं और पूंजी जुटा रही हैं। उदाहरण के लिए पिछले महीने जेप्टो ने करीब 45 करोड़ डॉलर की पूंजी जुटाने के दौर के समापन की घोषणा की, जिसका मूल्यांकन 7 अरब डॉलर आंका गया है। ब्लिंकइट का लक्ष्य मार्च 2027 तक अपने नेटवर्क का विस्तार 3,000 डार्क स्टोरों तक करना है। साथ ही, क्यूकॉम बाजार में अपेक्षाकृत नई कंपनियों जैसे एमेजॉन नाउ, जियोमार्ट, फ्लिपकार्ट मिनट्स और बिगबास्केट भी अपने कारोबार के विस्तार की योजना बना रही हैं।
गौरतलब है कि इसी साल सितंबर में स्विगी ने कैब उपलब्ध कराने वाली रैपिडो (जो अब फूड डिलिवरी क्षेत्र में भी प्रवेश कर चुकी है) में अपनी पूरी हिस्सेदारी लगभग 2,400 करोड़ रुपये में बेचने का सौदा किया था। इस तिमाही में इस हिस्सेदारी बिक्री से कंपनी के नकदी भंडार में और बढ़ोतरी होगी।
स्विगी ने वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में 1,092 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध घाटा दर्ज किया था जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में उसे 626 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। इसके बावजूद कंपनी ने मजबूत राजस्व वृद्धि दर्ज की और समीक्षाधीन तिमाही में परिचालन राजस्व सालाना आधार पर 54.42 फीसदी बढ़कर 5,561 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो इसके खाद्य वितरण और इंस्टेंट किराना व्यवसाय दोनों में निरंतर विस्तार को दर्शाता है।