प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
केंद्र सरकार के करीब 50 लाख कर्मचारी और 69 लाख पेंशनभोगी इन दिनों एक ही चीज का इंतजार कर रहे हैं, वह है 8वीं पे कमीशन। इस कमीशन के लागू होने से कर्माचिरयों और पेंशनभोगी की सिर्फ सैलरी और पेंशन ही नहीं बढ़ेगी, बल्कि बोनस, ग्रेच्युटी, भत्ते आदि जैसी सुविधाएं भी बढ़ सकती हैं। हाल ही में कैबिनेट ने इसकी टर्म्स ऑफ रेफरेंस (TOR) को मंजूरी दे दी है, जिससे उम्मीद जगी है कि जल्द ही यह कमीशन अपना काम शुरू कर देगा। आइए, इसे आसान शब्दों में समझने की कोशिश करते हैं कि यह आखिर है क्या और कैसे आपकी जेब पर असर डालेगा।
बीते महीने 28 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली यूनियन कैबिनेट ने 8वीं सेंट्रल पे कमीशन के TOR (Terms of Reference) को हरी झंडी दिखा दी। इसके तहत जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई को चेयरपर्सन बनाया गया है। वो रिटायर्ड जज हैं, जिनके पास पहले भी ऐसे बड़े मामलों का तजुर्बा है। कमीशन में एक पार्ट-टाइम मेंबर और मेंबर सेक्रेटरी भी होंगे। पार्ट टाइम मेंबर प्रोफेसर पुलक घोष को बनाया गया है जबकि पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस के सेक्रेटरी पंकज जैन को मेंबर सेक्रेटरी बनाया गया है।
यह एक अस्थायी कमीशन होगा और इसे गठन के 18 महीने के अंदर अपनी सिफारिशें देनी होंगी। एक्सपर्ट जनवरी 2026 से इसके लागू होने की उम्मीद जता रहे है, लेकिन रिपोर्ट आने में थोड़ा वक्त लग सकता है। याद रखें, 7वीं पे कमीशन को 2014 में घोषित किया गया था, लेकिन उसे लागू 2016 में किया गया था। यहां भी वैसा ही कुछ हो सकता है, लेकिन सरकार ने TOR जल्दी मंजूर करके साफ संकेत दिया है कि देरी नहीं होगी।
TOR के मुताबिक, कमीशन सिर्फ बेसिक सैलरी पर नहीं रुकेगा। कमीशन बोनस, ग्रेच्युटी, अलाउंस जैसे हाउस रेंट, ट्रैवल भत्ता, और पेंशन की समीक्षा करेगा। मिसाल के तौर पर, अगर महंगाई बढ़ी है तो डियरनेस अलाउंस (DA) में बदलाव होगा। ग्रेच्युटी का मतलब रिटायरमेंट पर मिलने वाली एकमुश्त रकम से है, जो कर्मचारियों के लिए बड़ा सहारा होती है। बोनस तो सालाना परफॉर्मेंस पर मिलता है, लेकिन कमीशन इसे और मजबूत बना सकता है।
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कुल मिलाकर, यह कमीशन कर्मचारियों की पूरी सैलरी स्ट्रक्चर को इन्फ्लेशन और इकोनॉमी के हिसाब से अपडेट करेगा। साथ ही प्राइवेट सेक्टर से भी तुलना की जाएगी, ताकि सरकारी नौकरी आकर्षक बनी रहे। मतलब 1 करोड़ से ज्यादा लोगों, जिसमें काम कर रहे और रिटायर्ड, दोनों इसका फायदा उठाएंगे।
कमीशन की सिफारिशें जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है, लेकिन पूरी प्रक्रिया में 18 महीने लगेंगे। यानी रिपोर्ट अप्रैल 2027 तक आ सकती है, लेकिन बैकडेट से पेमेंट मिलेगा। कुछ रिपोर्ट्स कहती हैं कि FY27 तक यह पूरी तरह जम जाएगी। पिछली कमीशन की तरह, यहां भी फिटमेंट फैक्टर का रोल बड़ा होगा। यह एक गुणक है जो पुरानी सैलरी को नई बनाने में मदद करता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर सब ठीक रहा तो कर्मचारियों को 30-34 फीसदी तक का इजाफा मिल सकता है। लेकिन यह इकोनॉमी की हालत पर निर्भर करेगा। सरकार ने जनवरी 2025 में ही दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इसका ऐलान किया था। अब TOR मंजूर होने से काम तेज होगा।
फिटमेंट फैक्टर ही वो जादू है जो आपकी सैलरी को नया रंग देता है। 7वीं कमीशन में यह 2.57 था, जिससे अच्छी बढ़ोतरी हुई। 8वीं में 1.8 का अनुमान है, जो करीब 13 फीसदी हाइक दे सकता है। लेकिन कुछ एक्सपर्ट्स 30 फीसदी तक की बात कर रहे हैं, क्योंकि इन्फ्लेशन, GDP ग्रोथ और कर्मचारियों की जरूरतें इसमें असर डालेंगी। ये फैक्टर बेसिक पे को गुणा करके नई सैलरी तय करते हैं, फिर DA, HRA जुटता है। कमीशन पे बैंड्स को भी सरल बनाने की कोशिश करेगा, ताकि प्रमोशन पर कन्फ्यूजन न हो। कुल मिलाकर, यह न सिर्फ जेब भरेगा, बल्कि काम करने का जोश भी बढ़ाएगा।