प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
बेंगलुरु की फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी ने शुक्रवार को बड़ा ऐलान किया। कंपनी के बोर्ड ने 10 हजार करोड़ रुपये तक की फंडिंग को मंजूरी दे दी है। यह पैसा पब्लिक या प्राइवेट ऑफरिंग्स से आएगा। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशन प्लेसमेंट यानी QIP या दूसरे तरीकों का इस्तेमाल होगा। कंपनी ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को फाइलिंग में यह जानकारी दी।
यह फंडिंग एक या ज्यादा हिस्सों में होगी। इसके लिए शेयरधारकों और रेगुलेटरी मंजूरियों की जरूरत पड़ेगी। पैसा इक्विटी शेयर या दूसरे वैध इंस्ट्रूमेंट्स जारी करके जुटाया जाएगा। पिछले हफ्ते स्विगी ने कहा था कि बाजार में बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए ज्यादा फंडिंग पर विचार कर रही है।
स्विगी का यह कदम फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स में बढ़ती प्रतियोगिता के बीच आया है। हाल ही में उसकी प्रतिद्वंद्वी कंपनी जेप्टो ने 450 मिलियन डॉलर यानी करीब 4 हजार करोड़ रुपये जुटाए। जेप्टो की वैल्यूएशन अब 7 बिलियन डॉलर हो गई है। इससे क्विक कॉमर्स में उसकी पकड़ मजबूत हुई।
Also Read: Swiggy vs Zomato: डिस्काउंट की जंग फिर शुरू! इस बार कौन जीतेगा मुनाफे की लड़ाई?
स्विगी ने कहा कि उसकी माली हालत अच्छी है। रैपिडो में अपनी हिस्सेदारी बेचने के बाद उसके पास 2,400 करोड़ रुपये कैश में हैं। लेकिन बाहर की दुनिया में चीजें तेजी से बदल रही हैं। पुराने और नए खिलाड़ी लगातार निवेश आकर्षित कर रहे हैं।
स्विगी ने शेयरधारकों को चिट्ठी में लिखा कि बाजार की चुनौतियां लगातार बढ़ रही हैं। इस वजह से बोर्ड के साथ ज्यादा फंडिंग पर बात हुई। इससे कंपनी को विकास के लिए पर्याप्त पैसा मिलेगा। साथ ही रणनीतिक लचीलापन भी बढ़ेगा। यह कदम स्विगी को आगे बढ़ने और संभावित पब्लिक लिस्टिंग के लिए तैयार करने में मदद करेगा। कंपनी डिलीवरी और ई-कॉमर्स के व्यस्त बाजार में अपनी रफ्तार बनाए रखना चाहती है।