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कलानिधि मारन संग विवाद में SpiceJet को सर्वोच्च अदालत से मिली राहत

अदालत ने अब मामले को उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के सामने रखने का आदेश दिया है ताकि इस पर नए सिरे से विचार करने के लिए किसी अन्य न्यायाधीश के सामने रखा जा सके।

Last Updated- July 26, 2024 | 10:13 PM IST
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आर्थिक संकटों का सामना कर रही विमानन कंपनी स्पाइसजेट को शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय से राहत मिली है। अदालत ने कहा कि उन्हें विमानन कंपनी के खिलाफ कलानिधि मारन के साथ विवाद में मध्यस्थता मामले को एकल पीठ के पास भेजने की दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश में कोई खामी नहीं मिली है।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मई में एकल पीठ के उस आदेश को पलट दिया था जिसमें मध्यस्थता समिति के आदेश को बरकरार रखा गया था और विमानन कंपनी स्पाइसजेट को अपने पूर्व प्रवर्तक कलानिधि मारन को 270 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया चुकाने का निर्देश दिया गया था।

न्यायमूर्ति यशवंत शर्मा और रवींद्र डुडेजा के पीठ ने विमानन कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अजय सिंह की अपील स्वीकार कर ली गई और अदालत ने कहा, ‘अपील स्वीकार की जाती है। नतीजतन, 31 जुलाई, 2023 को दिया गया आदेश निरस्त किया जाता है।’

मारन ने इस आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील की थी। सुनवाई के लिए मामला आने पर देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि पीठ ने मामले को एकल पीठ पास पुनर्विचार के लिए भेजकर सही किया। उन्होंने कहा था कि एकल पीठ के अपने दिमाग का सही इस्तेमाल नहीं किया। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को सिर्फ 200 पेजों में समेटना सही नहीं है। फैसले में तर्क भी होने चाहिए।’

एकल पीठ के फैसले पर नाराज मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘यह अत्याचार है। उन्होंने अपना दिमाग कहां लगाया है? हम इसे फिर से एकल पीठ के पास भेजने के तर्क से सहमत हैं।’

अदालत ने अब मामले को उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के सामने रखने का आदेश दिया है ताकि इस पर नए सिरे से विचार करने के लिए किसी अन्य न्यायाधीश के सामने रखा जा सके।

आदेश के बाद शुक्रवार को विमानन कंपनी स्पाइसजेट का शेयर बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर 4.5 फीसदी चढ़कर 59.79 रुपये प्रति शेयर हो गया। इस मामले पर स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने कहा कि वे सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं।

First Published - July 26, 2024 | 10:05 PM IST

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