अमेरिकी शॉर्ट-सेलर फर्म वायसरॉय रिसर्च ने आज जारी अपनी रिपोर्ट में लंदन में सूचीबद्ध वेदांत रिसोर्सेस पर ‘पोंजी’ कंपनी जैसा ढांचा बनाने, समूह में वित्तीय कदाचार, अकाउंटिंग धोखाधड़ी और संभावित दिवालिया जोखिमों का आरोप लगाया है। इस खबर के बाद भारत में धातु और खनन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी वेदांत लिमिटेड का शेयर 3.38 फीसदी तक गिर गया।
87 पृष्ठ की फोरेंसिक रिपोर्ट में वायसरॉय ने समूह को ‘फाइनैंशियल जॉम्बी’ बताया है जो बुनियादी तौर पर बढ़ते ऋण को चुकाने के लिए वेदांत लिमिटेड से अस्थिर नकदी प्रवाह पर निर्भर है। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि वेदांत की अपनी बैलेंस शीट को अकाउंटिंग हेरफेर और ब्रांड फीस तथा अंतर कंपनी ऋण के रूप में नकद हस्तांतरण के माध्यम से खोखला किया जा रहा है। वेदांत के अलावा उसकी सहायक कंपनी हिंदुस्तान जिंक का शेयर भी 2.56 फीसदी गिरकर 425 रुपये पर बंद हुआ।
वेदांत समूह के एक प्रवक्ता ने आरोपों का पुरजोर खंडन करते हुए कहा, ‘यह रिपोर्ट समूह को बदनाम करने की नीयत से गलत सूचना के साथ निराधार आरोप लगाए गए हैं। इसे हमसे संपर्क करने की कोई कोशिश किए बिना झूठा प्रचार के मकसद से जारी किया गया है। रिपोर्ट में पहले से ही सार्वजनिक डोमेन में मौजूद विभिन्न सूचनाओं का संकलन है, जिसे बाजार की प्रतिक्रिया से लाभ कमाने के लिए सनसनीखेज बनाया गया है।’
वेदांत के प्रवक्ता ने कहा कि रिपोर्ट का समय संदिग्ध है और इसका उद्देश्य आगामी कॉरपोरेट पहलों को कमजोर करना हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘हमारे हितधारक इस तरह की रणनीति को अच्छी तरह से समझते हैं। किसी भी जिम्मेदारी से बचने के लिए रिपोर्ट के लेखकों ने अस्वीकरण शामिल किए हैं जिसमें कहा गया है कि रिपोर्ट केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है और केवल राय व्यक्त करती है, तथ्य नहीं।’
वायसरॉय रिसर्च की रिपोर्ट 2023 में हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अदाणी समूह पर लगाए गए इसी तरह के आरोपों की याद दिलाती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वेदांत ‘परजीवी’ होल्डिंग कंपनी है जिसका अपना कोई महत्त्वपूर्ण संचालन नहीं है और यह नकदी के लिए पूरी तरह से अपने मरते हुए ‘मेजबान’ वेदांत लिमिटेड निर्भर है।
अपने खुद के ऋण बोझ को चुकाने के लिए वेदांत रिर्सोसेस भारत में सूचीबद्ध इकाई को खाली कर रही है जिससे ऑपरेटिंग कंपनी को लगातार बढ़ते लीवरेज का सामना करना पड़ रहा है और अपने नकद भंडार को कम करना पड़ रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह लूट वेदांत लिमिटेड के मूलभूत मूल्य को कम करती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस व्यवस्था ने पूरे समूह को दिवालियापन के कगार पर धकेल दिया है, जो केवल नए ऋण, अकाउंटिंग चालबाजी और बड़े पैमाने पर अघोषित देनदारियों के स्थगन के निरंतर चक्र द्वारा समर्थित है। वायसरॉय रिसर्च की स्थापना फ्रेजर पेरिंग ने की थी जो धोखाधड़ी करने वाली जर्मन भुगतान कंपनी वायरकार्ड एजी के शुरुआती आलोचक थे। फर्म ने अतीत में औद्योगिक सॉफ्टवेयर समूह हेक्सागन एबी जैसी बड़ी कंपनियों को निशाना बनाया है।