जयप्रकाश एसोसिएट्स की परिसंपत्तियों के मूल्यांकन को झटका लगा है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हाल में एक सरकारी एजेंसी के उस आदेश को बरकरार रखा जिसमें कंपनी को नई दिल्ली के नजदीक स्पोर्ट्स सिटी परियोजना के लिए आवंटित 1,000 हेक्टेयर भूमि को रद्द करने का आदेश दिया गया था। यह भूमि कंपनी के दिवालिया होने से कई साल पहले आवंटित की गई थी।
यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल अथॉरिटी (यीडा) द्वारा भूमि आवंटन अनुबंध रद्द किया जाना इस रियल एस्टेट कंपनी के लिए एक झटका था, जिसने इस सप्ताह जिंदल पावर, अदाणी, सुरक्षा और टॉरंटग्रुप सहित लगभग 24 दावेदारों से अभिरुचि पत्र प्राप्त किए।
जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) के लिए बोली लगाने वाली एक कंपनी के प्रतिनिधि ने कहा, ‘हम आदेश की समीक्षा कर रहे हैं, क्योंकि वित्तीय बोलियां आमंत्रित किए जाते वक्त इसका सीधा असर कंपनी के मूल्यांकन पर पड़ेगा।’
जेएएल को 3 जून को दिवालियापन प्रक्रिया में शामिल किया गया था। न्यायालय के आदेश के अनुसार, दिवालियापन कार्यवाही में इसके खिलाफ दायर कुल दावे 64,552 करोड़ रुपये के हैं। उस राशि में से 51,512 करोड़ रुपये के दावे इनसॉल्वेंसी अधिकारियों द्वारा स्वीकार किए गए थे। जेएएल के पास 1 करोड़ टन सालाना क्षमता की सीमेंट निर्माण इकाइयां और बिजली, सड़क, उर्वरक एवं सुरंग परियोजनाएं हैं।