बाजार नियामक सेबी ने मंगलवार को कहा कि प्रॉक्सी एडवाइजरी फर्मों के खिलाफ शिकायत लेकर सूचीबद्ध कंपनियां नियामक के पास आ सकती हैं। नियामक ने एक परिपत्र में कहा, सेबी (रिसर्च एनालिस्ट) नियम 2014 के तहत आचार संहिता के प्रावधानों के मुताबिक प्रॉक्सी एडवाइजरों की तरफ से गैर-अनुपालन के मामले की जांच नियामक करेगा। यह परिपत्र सेबी की तरफ से प्रक्रियागत दिशानिर्देश जारी किए जाने के एक दिन बाद देखने को मिला है।
विशेषज्ञों ने कहा कि यह कदम प्रॉक्सी एडवाइजरी फर्मों की जवाबदेही में सुधार के लिए उठाया गया है, जो भारतीय कंपनी जगत की तरफ से पेश प्रस्ताव पर अल्पांश शेयरधारकों की वोटिंग को प्रभावित करते रहे हैं। सेबी ने कहा है, पिछले कुछ वर्षों में प्रॉक्सी एडवाइजरों ने शेयरधारकोंं को कॉरपोरेट गवर्नेंस के फैसले में प्रभावी तौर पर भागीदार बनने में अहम भूमिका निभाई है। हालांकि इस तरह के कार्य में संभव है कि प्रॉक्सी एडवाइजर व सूचीबद्ध कंपनियों की राय किसी एजेंडे को लेकर अलग-अलग हो, जिससे इस तरह की शिकायत देखने को मिलती है। सोमवार को जारी प्रक्रियागत दिशानिर्देश और ज्यादा पारदर्शिता लाने के इरादे से जारी किए गए हैं ताकि हितों का टकराव न हो और कंपनियों को अपनी राय रखने का मौका दिया गया है।
