मारुति सुजूकी इंडिया ने आज कहा कि वैश्विक दुर्लभ खनिज मैग्नेट की कमी से उसके परिचालन पर कोई असर नहीं पड़ा है। साथ ही उसने कहा कि स्थिति ‘अनिश्चित है और आकार ले रही है।’ कंपनी ने कहा कि वह परिचालन में निरंतरता बनाए रखने के लिए कई समाधान तलाश रही है और अगर कोई बड़ा असर होता है, तो वह हितधारकों को सूचित करेगी।
यह स्पष्टीकरण इस सप्ताह की शुरुआत में रॉयटर्स की उस खबर के बीच आया है, जिसमें कहा गया था कि देश की सबसे बड़ी कार विनिर्माता कंपनी ने दुर्लभ खनिज आपूर्ति की बाधाओं के कारण अपनी भावी इलेक्ट्रिक एसयूवी ई-विटारा के उत्पादन अनुमानों में करीब दो-तिहाई की कटौती की है। खबर के अनुसार मारुति ने वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही के लिए ई-विटारा का उत्पादन लक्ष्य 26,000 से घटाकर केवल 8,200 कर दिया है।
आंतरिक दस्तावेज का हवाला देते हुए रिपोर्ट में इस कटौती के लिए महत्त्वपूर्ण दुर्लभ खनिज तत्वों की ‘आपूर्ति बाधाओं’ को जिम्मेदार ठहराया गया है, विशेष रूप से इलेक्ट्रिक इंजन में इस्तेमाल मैग्नेट की आपूर्ति के बारे में। बताया जाता है कि इस कटौती के बावजूद मारुति का इरादा वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में उत्पादन बढ़ाकर समूचे साल के लिए 67,000 गाड़ियों का अपना लक्ष्य पूरा करने का है। गुरुवार को बयान में मारुति के प्रवक्ता ने कहा, ‘जहां तक दुर्लभ खनिजों की स्थिति का सवाल है तो अभी तक इस कारण हमारे परिचालन में कोई बाधा नहीं आई है।’
प्रवक्ता ने कहा, ‘काफी अनिश्चितता है और स्थिति लगातार बन रही है। हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं और अपने परिचालन में निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए कई समाधानों पर काम कर रहे हैं। अगर कभी हमारे कारोबार पर कोई बड़ा असर पड़ा तो हम नियामकीय आवश्यकताओं के अनुसार सभी हितधारकों को सूचित करेंगे।’ दुर्लभ खनिज मैग्नेट इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की मोटरों में अहम घटक होते हैं और इनका उपयोग पावर स्टीयरिंग प्रणाली, स्पीकर और कार के अन्य घटकों में किया जाता है।