भले ही महामारी के वैश्विक प्रसार को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं, लेकिन कोविड-19 टीके को लेकर आ रही सकारात्मक खबरों से अगले साल वैश्विक आर्थिक सुधार आने और तेल एवं गैस मांग के लिए परिदृश्य में बदलाव आने की उम्मीद बढ़ गई है। इससे भारत पेट्रोलियम (बीपीसीएल), हिंदुस्तान पेट्रोलियम (ओएमसी) और इंडियन ऑयल (आईओसी) जैसी घरेलू तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) के लिए परिदृश्य में भी सुधार आया है। इन कंपनियों को मांग पर दबाव और कमजोर रिफाइनिंग मार्जिन से धारणा प्रभावित होने की चिंताओं का सामना करना पड़ा है।
अमेरिकी चुनावी घटनाक्रम पीछे छूटने से, ब्रोकरेज फर्मों का ध्यान अब दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में आर्थिक सुधार पर केंद्रित होने की संभावना है। ओएमसी पहले से ही बीपीसीएल में विनिवेश की खबरों में हैं, जिसके सफल रहतने पर कंपनी के निवेशकों को अवसर हासिल करने का मौका मिल सकेगा।
इसके अलावा कंपनियों के लिए सितंबर तिमाही का प्रदर्शन उत्साहजनक है। इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि ओएमसी के शेयरों में सितंबर-अक्टूबर के निचले स्तरों से 19-31 प्रतिशत की तेजी आई है।
ओएमसी का दूसरी तिमाही का प्रदर्शन इन्वेंट्री बढ़त और मजबूत विपणन मार्जिन पर केंद्रित था, भले ही रिफाइनिंग मार्जिन कमजोर बना रहा। सभी तीनों ओएमसी का विपणन मार्जिन 5.9-6.6 रुपये प्रति लीटर के दायरे में दर्ज किया गया है जो अक्सर 2-3 रुपये के बीच रहता है। सकल रिफाइनिंग मार्जिन (जीआरएम, प्रति बैरल) 2.7 से 8.7 डॉलर के दायरे में रहा और इसे इन्वेंट्री में मजबूती की वजह से मदद मिली। इसलिए ओएमसी के लिए मुख्य जीआरएम सपाट से लेकर नकारात्मक रहा। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज (एमओएफएल) के विश्लेषकों का कहना है कि उदाहरण के लिए, आईओसी का रिफाइनिंग मार्जिन 8.6 डॉलर (9.6 डॉलर की इन्वेंट्री बढ़त शामिल) रहा। विश्लेषकों का कहना है कि मुख्य जीआरएम 1 डॉलर प्रति बैरल कमजोर रहा।
मॉर्गन स्टैनली के विश्लेषकों का कहना है कि भारतीय ओएमसी ने रिफाइनिंग संबंधित कमजोरी की भरपाई के लिए मजबूत विपणन आय दर्ज की है। उनका कहना है कि कंपनियां प्रभावी तरीके से ईंधन विपणन में सक्षम हैं। दूसरी तिमाही के बाद, ओएमसी ने आय में अपग्रेड भी दर्ज किए हैं। एमके ग्लोबल ने तीन ओएमसी के लिए वित्त वर्ष 2021 के आय अनुमानों में 9-44 प्रतिशत तक का इजाफा किया है।
विश्लेषकों का कहना है कि सितंबर तिमाही के प्रदर्शन से अन्य खास बात यह दिखी कि ओएमसी ने अपने विस्तार और पूंजीगत खर्च अनुमानों को बरकरार रखा है, जो उनके भविष्य के परिदृश्य का संकेत है।
