facebookmetapixel
अमेरिका के बाद यूरोप में खुले भारत के सी-फूड एक्सपोर्ट के नए रास्तेबारिश-बाढ़ से दिल्ली में सब्जियों के दाम 34% तक बढ़े, आगे और महंगाई का डरपब्लिक सेक्टर बैंकों को टेक्नोलॉजी और इनोवेशन पर करना होगा फोकस: SBI चेयरमैन शेट्टीGST 2.0: फाडा ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, कंपनसेशन सेस क्रेडिट अटका तो होगा 2,500 करोड़ का नुकसानप्रीमियम स्कूटर बाजार में TVS का बड़ा दांव, Ntorq 150 के लिए ₹100 करोड़ का निवेशGDP से पिछड़ रहा कॉरपोरेट जगत, लगातार 9 तिमाहियों से रेवेन्यू ग्रोथ कमजोरहितधारकों की सहायता के लिए UPI लेनदेन पर संतुलित हो एमडीआरः एमेजॉनAGR बकाया विवाद: वोडाफोन-आइडिया ने नई डिमांड के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख कियाअमेरिका का आउटसोर्सिंग पर 25% टैक्स का प्रस्ताव, भारतीय IT कंपनियां और GCC इंडस्ट्री पर बड़ा खतरासिटी बैंक के साउथ एशिया हेड अमोल गुप्ते का दावा, 10 से 12 अरब डॉलर के आएंगे आईपीओ

रिलायंस कृष्णा-गोदावरी गैस पाइपलाइन जल्द होगी शुरू

Last Updated- December 05, 2022 | 4:26 PM IST

कृष्णा-गोदावरी घाटी से निकाल कर रिलायंस इंडस्ट्रीज तक गैस पहुंचाने का काम काफी तेजी से चल रहा है। पूर्व-पश्चिम को जोड़ने वाली यह पाइपलाइन आंध्र प्रदेश के काकीनाड़ा से गुजरात के भरूच तक फैली हुई है। उम्मीद है कि अगले तीन महीनों में  गैस पाइपलाइन बिछाने का काम पूरा हो जाएगा।
कंपनी के वरिष्ठ कार्यकारी का कहना है कि कंपनी ने मई के दूसरे सप्ताह तक 1,440 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन के काम को पूरा करने का लक्ष्य रखा है। उनके अनुसार, ‘इस पूरी पाइपलाइन के लिए सिविल और यांत्रिक कार्य लगभग पूरा होने वाला है। इसके बाद हम गैस परिवहन से पहले कुछ परीक्षण करेंगे।’
48 इंच व्यास वाली पूर्व को पश्चिम से जोड़ते हुए यह पाइपलाइन देश की सबसे लंबी पाइपलाइन है जो आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात से हो कर गुजरती है। अधिकारियों का कहना है कि इस पाइपलाइन का तीन चरणों में परीक्षण किया जाएगा, सबसे पहला गुजरात के भरूच और महाराष्ट्र में छोटे हिस्से और उसके बाद महारारूट्र से कर्नाटक और आखिर में कर्नाटक से काकीनाड़ा तक जहां से पाइपलाइ शुरू होती है।
जब कृष्णा गोदावरी घाटी में मौजूद गैस की जानकारी मिली उसके तुरंत बाद ही 2005 में इस पाइपलाइन को बिछाने का काम शुरू कर दिया गया, जिसमें चीन से बुलाए गए कुशल कर्मचारियों को मिला कर कुल 1500 लोग काम में लगे हुए थे।
कंपनी के प्रवक्ता ने अपनी प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया। वहीं पहले छपे लेखों में बताया गया था कि रिलायंस इंडस्ट्री जामनगर में चल रहे अपने रिफायनरी के कार्य के पूरा होने तक गैस पाइपलाइन परियोजना को थोड़ा धीमे कर सकती है।
सूत्रों के मुताबिक उम्मीद की जा सकती है कि कंपनी साल के मध्य से अपनी गैस परियोजना को चालू कर दे और 2008 के अंत तक रिफायनरी का काम भी पूरा होने की उम्मीद है।
कंपनी के ही एक अन्य कार्यकारी अधिकारी का कहना है कि रिफायनरी के पूरी तरह शुरू करने में 6 से 8 महीने का समय लग सकता है, क्योंकि यह दुनिया की सबसे बड़ी रिफायनरी है, जिसमें एक ही स्थान पर 30 से 40 विभिन्न यूनिट भी शामिल हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने गुजरात स्टेट पेट्रोनेट (जीएसपीएल) के साथ समझौता हुई है, जिसके तहत भरूच के भड़भूत से रिलायंस रिफायनरी तक और जामनगर के पेट्रोकैमिकल कॉम्पलेक्स तक उसे गैस पहुंचानी होगी। रिलायंस से गैस प्राप्त करने के बाद जीएसपीएल भरूच और राजकोट के बीच इसी पाइपलाइन का और जामनगर तक नई बिछाई गई पाइपलाइन का इस्तेमाल करते हुए गैस को वहां तक पहुंचाएगा।

First Published - March 4, 2008 | 8:14 PM IST

संबंधित पोस्ट