ग्राहकों के लिहाज से देश की शीर्ष दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो का इरादा 6जी और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) में अग्रणी कंपनी बनने का है। यह ऐसी रणनीति है जिससे शेयरधारकों को निरंतर लाभ मिलेगा। कंपनी ने गुरुवार को अपनी वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। 19.1 करोड़ ग्राहकों के साथ वह चीन के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी 5जी कंपनी है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज की डिजिटल सेवा कंपनी नेटवर्क योजना और रखरखाव, संसाधनों के बेहतर उपयोग तथा ग्राहक सेवाओं में इस्तेमाल के लिए ‘जियोब्रेन’ नामक व्यापक एआई सेवा प्लेटफॉर्म तैनात कर रही है। इसे भारत और वैश्विक बाजारों के अन्य उद्योगों में भी लागू किया जाएगा। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने साल 2024-25 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा, ‘जियो 5जी, फिक्स्ड ब्रॉडबैंड और कन्वर्ज्ड नेटवर्क जैसी तकनीकों में अपनी अग्रणी स्थिति का विस्तार कर रहा है ताकि अब एआई सेवाओं से मिल रहे विशाल अवसरों का लाभ उठाया जा सके।’
रिपोर्ट में कहा गया, ‘नेटवर्क, उपभोक्ता और उद्यम तकनीकों में जियो का नेतृत्व उसकी विशिष्ट प्रतिस्पर्धी क्षमता की बढ़त बरकरार रखेगा। स्वदेशी रूप से विकसित इन तकनीकों को पूरे भारत में बड़े स्तर पर लागू किया जा रहा है और इन्हें दुनिया के बाकी हिस्सों में भी लागू किया जाएगा। इससे वृद्धि की लंबी राह और शेयरधारकों को लगातार लाभ सुनिश्चित होगा।’
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रिलायंस ने कहा, ‘जियो भविष्य की संचार तकनीकों पर लगातार काम कर रही है और वह 6जी तकनीक पर सक्रिय रूप से शोध एवं विकास कर रही है, जिसका लक्ष्य इसके विकास और इस्तेमाल में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनना है।’
इसके साथ ही उसने यह भी कहा कि वह उपग्रह संचार प्लेटफॉर्म बना रही है और भारत में स्टारलिंक की ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएं मुहैया कराने के लिए स्पेसएक्स के साथ साझेदार है। जियोफाइबर सेवा 1.8 करोड़ से ज्यादा घरों तक पहुंच चुकी है। मनोरंजन, संचार और शिक्षा के लिए जियो के डिजिटल प्लेटफॉर्म का समूह उसके 43.8 करोड़ से ज्यादा उपयोगकर्ताओं के लिए सुलभ है। जियो 3,341 से ज्यादा पेटेंट दायर कर चुकी, जिनमें से 1,654 वित्त वर्ष 25 में दायर किए गए थे।