रीयल सेक्टर की चांदनी अब अंधेरी रात में तब्दील होने जा रही है। आपको यह सुनकर हैरत होगी मगर यह साफ नजर आने लगा है।
मांग और आपूर्ति की कड़ी में आए असंतुलन के जारी रहने, ब्याज की ऊंची दर और संपतियों की कीमत में मानो आग लगे रहने से यह साफ नजर आने लगा है।
दिल्ली और मुंबई के साथ-साथ हैदराबाद और बेंगलुरू में भी प्रॉपर्टी की कीमतों में कमी आनी शुरू हो गयी है।जानकारों की राय में पिछले 6 महीनों में केंद्रीय कारोबारी इलाकों समेत मुख्य व्यावसायिक क्षेत्रों में प्रॉपर्टी की कीमत में 10 से 15 फीसदी की कमी आयी है। जबकि साधारण इलाकों में भी इस दौरान कीमतों में या तो ठहराव देखा गया है या कीमतों में कमी आयी है।
जानकार बताते हैं कि रीयल एस्टेट कारोबार की यह प्रवृत्ति आगे भी बनी रहेगी। हो सकता है कि आने वाले महीनों में संपत्ति के दाम 10 फीसदी और गिरे। ब्याज दर में हुई बढ़ोतरी का असर देखिए कि जो कोई निवेश के ख्याल से दो या तीन घर खरीदते थे, अब वे भी इस तरह के निवेश से दूर भागने लगे हैं।
पार्श्वनाथ डेवलेपर्स के चेयरमैन प्रदीप जैन बताते हैं कि पिछले तीने महीनों में दफ्तर लायक मकानों या फ्लैटों की कीमत में कोई उल्लेखनीय तेजी नहीं देखी गई है। हालांकि दिल्ली के केंद्रीय कारोबारी इलाके में इसकी कीमत अभी भी तेज बनी हुई है पर उपशहरी क्षेत्रों में इसमें ठहराव की स्थिति बन चुकी है। अभी कनॉट प्लेस के इलाके में मुख्य कारोबारी जगहों की कीमत 330 रुपए से 375 रुपए प्रति वर्ग फुट के बीच है, जो कि पिछले दिसंबर में यही थी। यही हाल नेहरू प्लेस का है, जिसे दूसरा मुख्य कारोबारी इलाका माना जाता है।
वहीं मुंबई की हालत भी कुछ अलग नहीं है। पिछले तो हफ्ते मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण(एमएमआरडीए) शहर के नए केंद्रीय कारोबारी इलाके के रूप मे पहचाने जा रहे बांद्रा कुर्ला कांप्लेक्स के दो प्लॉटों के खरीदार तक ढूंढ नहीं पायी। विशेषज्ञ इसे रीयल एस्टेट कारोबार में आने वाली मंदी का साफ संकेत मान रहे हैं। उनके अनुसार अब इस क्षेत्र में आए बूम के दिन लद गए हैं।
सटोरियों ने खींचे हाथ, सोच-समझ कर खरीदारी करने की सलाह
आने वाले डेढ़ से दो सालों में व्यावसायिक रीयल एस्टेट की आपूर्ति में आएगी तेजी
ब्याज दर में कटौती से मांग में तेजी आ सकती है पर महंगाई में वृद्धि इस तेजी पर ब्रेक लगा देगी
प्रमुख शहरों के केंद्रीय कारोबारी इलाकों में प्रॉपर्टी की कीमत पिछले 3 से 6 महीनों के दौरान जस का तस
आगे भी इसकी कीमत स्थिर रहने का अनुमान