रियल एस्टेट डेवलपमेंट कंपनी हाउस ऑफ अभिनंदन लोढ़ा (HOABL) जमीन में निवेश को उपभोक्ताओं के अनुकूल बनाने के लिए तकनीक और पारदर्शिता का इस्तेमाल करती है। एचओएबीएल के संस्थापक और चेयरपर्सन अभिनंदन लोढ़ा ने मुंबई में प्राची पिसाल को बातचीत में बताया कि कंपनी का लक्ष्य वित्त वर्ष 30 तक लगभग 10,000 करोड़ रुपये का सालाना बिक्री राजस्व हासिल करना है। प्रमुख अंश :
चूंकि जमीन को पारंपरिक रूप से निवेश माध्यम माना जाता है। ऐसे में आपकी रणनीति किस तरह अलग है?
जमीन में निवेश को पारदर्शी, तरल, खुदरा और खरीदने में आसान बनाने के लिए इन आशंकाओं का समाधान जरूरी है। हालांकि जमीन लंबे समय से निवेश परिसंपत्ति के रूप में बनी हुई है। इसलिए हम इसे पूरी तरह से पारदर्शी बनाने और जमीन में निवेश को गैर-भौतिक बनाने में कामयाब रहे हैं। भारत बहुत तेजी से बदल रहा है। सरकार बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं पर पारदर्शी तरीके से घोषणाएं कर रही है। इन घोषणाओं के आधार पर हमारी शोध टीम परियोजनाओं के लिए स्थानों की पहचान करती है। हम अपने ब्रांड की सहजता प्रदान कर रहे हैं।
असंगठित भूमि विक्रेताओं की तुलना में आपका ब्रांड मूल्य निर्धारण का कितना प्रीमियम हासिल करता है?
इसकी तुलना उस तरह से नहीं की जा सकती क्योंकि हमारी पेशकश काफी बेहतर हैं और हम तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। हमारे उपभोक्ता बेहतर योजना के लिए प्रीमियम देने को तैयार हैं। अपने कुछ बाजारों में हम अग्रणी हैं। हम किसी भी चीज की तुलना में ज्यादा बाजार सृजित करते हैं। हम अपनी परियोजनाओं में 30 से 50 प्रतिशत तक की विशाल खुली जगह भी आरक्षित करते हैं।
किसी परिसंपत्ति वर्ग के रूप में आप रिटर्न और जोखिम के लिहाज से आवासीय और वाणिज्यिक रियल एस्टेट के साथ जमीन की तुलना किस तरह करेंगे?
अगर कोई व्यक्ति सही जगह पर और सही डेवलपर से जमीन खरीदता है तो कोई भी अन्य रियल एस्टेट परिसंपत्ति वर्ग उतना रिटर्न नहीं दे सकता जितना जमीन देती है। हर रियल एस्टेट परिसंपत्ति वर्ग की उपयोगिता अलग होती है। आवासीय रियल एस्टेट का फौरी उपभोग ज्यादा होता है जबकि वाणिज्यिक रियल एस्टेट में उपभोग और निवेश का मिश्रण रहता है। जमीन निवेश भी है और उपभोग भी।
जमीन में निवेश का प्रदर्शन कैसा रहा है?
पिछले चार वर्षों में हमारे खरीदारों ने 25 से 30 प्रतिशत से ज्यादा का चक्रवृद्धि रिटर्न कमाया होगा। लेकिन फिर भी हमें नहीं लगता कि यह भविष्य के लिए कोई संकेतक है।
वित्त वर्ष 25 में आपकी बिक्री कैसी रही?
वित्त वर्ष 25 में हमारी शुद्ध बिक्री लगभग 1,500 करोड़ रुपये थी। पेश की गई हमारी परियोजनाओं में से मोटे तौर पर 92 से 93 प्रतिशत बेच दी गई। इस साल हमें लगता है कि हम 25 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि करेंगे।
आप किन बाजारों में जाने पर विचार कर रहे हैं?
हम उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और गोवा के बाजारों में पहले से ही हैं। हम अगले दो-तीन साल में उत्तर भारत और दक्षिण भारत के कुछ और बाजारों को अपने साथ जोड़ने की सोच रहे हैं। हम 48 स्थानों की पहचान कर चुके हैं। अगर हम साल 2030 तक इन सभी 48 स्थानों तक पहुंच पाते हैं, तो हम मानेंगे कि हमने काफी अच्छा काम किया है। हम 1.2 करोड़ वर्ग फुट (जमीन) बेच चुके हैं तथा अन्य 3 करोड़ वर्ग फुट पर विकास कार्य चल रहा है। हमारी योजना 25 प्रतिशत की वार्षिक चक्रवृद्धि दर से बढ़ने की है। वित्त वर्ष 30 तक राजस्व का हमारा वार्षिक लक्ष्य 10,000 करोड़ रुपये है।