facebookmetapixel
Editorial: बाजार में एसएमई आईपीओ की लहरराष्ट्र की बात: कहानियां गढ़ने में डीपफेक से पैदा हुई नई चुनौतीजलवायु परिवर्तन नहीं सत्ता परिवर्तन असल मुद्दा!क्विक कॉमर्स में स्टार्टअप की नई रणनीतिपिछड़ा अरट्टई, व्हाट्सऐप फिर नंबर एक; एआई सर्च इंजन परप्लेक्सिटी ने भारतीयों का ध्यान ज्यादा खींचा‘पाक से रिश्ते भारत की कीमत पर नहीं’…अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा – भारत के साथ हमारी दोस्ती गहरीसिल्क सिटी भागलपुर के रेशम का घुट रहा दम, ट्रंप टैरिफ से बढ़ी गर्दिशसस्ते आयात से स्टील के दाम पर दबाव की आशंका, उद्योग के साथ महत्त्वपूर्ण बैठक करेगा इस्पात मंत्रालयपोर्टल पर हो नौकरियों का सटीक आंकड़ा, श्रम मंत्रालय से मजबूत तंत्र विकसित करने का आग्रहभारत बनेगा खिलौनों का ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब, ₹13000 करोड़ की योजना पर काम कर रही सरकार

एनबीएफसी के उच्च स्तर का बढ़ेगा दायरा, आरबीआई ले सकता है फैसला

उच्च स्तरीय एनबीएफसी की पहचान मानदंड स्कोरिंग पद्धति के माध्यम से की जाती है जिसमें पर्यवेक्षी निर्णय जैसे मात्रात्मक और गुणात्मक मानदंड शामिल होते हैं।

Last Updated- October 26, 2025 | 9:37 PM IST
Reserve Bank of India Offline Digital Rupee

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) कुछ अन्य गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को उच्च स्तरीय एनबीएफसी की श्रेणी में डाल सकता है। इस श्रेणी में शामिल गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को अपेक्षाकृत सख्त नियामकीय आवश्यकताओं का पालन करना होता है।

एनबीएफसी का आकार बढ़ने और वित्तीय क्षेत्र में पहुंच के विस्तार को देखते हुए बैंकिंग नियामक इस तरह का कदम उठा सकता है। वर्ष 2024-25 की सूची में बजाज फाइनैंस, टाटा कैपिटल, महिंद्रा फाइनैंस, श्रीराम फाइनैंस आदि के साथ आरबीआई द्वारा निर्धारित अपर लेयर यानी उच्च स्तरीय श्रेणी में 15 एनबीएफसी हैं।

सूत्रों ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र की कुछ एनबीएफसी, जिनका लोन बुक 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक है वह उच्च स्तरीय श्रेणी में आ सकती हैं। इनकी संख्या भले ही कम है मगर इनका एनबीएफसी क्षेत्र की कुल परिसंपत्तियों में अच्छा-खासा हिस्सा है। इसके अलावा बड़े औद्योगिक समूहों की एनबीएफसी, बैंकिंग क्षेत्र से जुड़ी विदेशी वित्तीय घराने की भारतीय सहायक कंपनियाें, अन्य बड़ी एनबीएफसी की आवास वित्त इकाई के भी उच्च स्तरीय एनबीएफसी के दायरे में लाए जाने की संभावना है।

उच्च स्तरीय एनबीएफसी की पहचान मानदंड स्कोरिंग पद्धति के माध्यम से की जाती है जिसमें पर्यवेक्षी निर्णय जैसे मात्रात्मक और गुणात्मक मानदंड शामिल होते हैं। जब किसी एनबीएफसी को उच्च स्तर की श्रेणी में डाल दिया जाता है तो उसे कम से कम 5 साल के लिए बढ़ी हुई नियामकीय आवश्यकताओं का पालन करना होता है, भले ही वह बाद के वर्षों में उक्त श्रेणी के मानदंडों को पूरा न करे। (शेष पृष्ठ 4 पर)

सूत्रों ने बताया कि कुछ एनबीएफसी का आकार बढ़ गया है और उनका लोन बुक उच्च स्तर में शामिल होने की सीमा 50,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। इसके अलावा कुछ एनबीएफसी को वित्तीय क्षेत्र के साथ बढ़ते अंतर्संबंध की वजह से भी उच्च स्तरीय एनबीएफसी की सूची में शामिल किया जा सकता है।

आरबीआई के नियमों के अनुसार किसी भी गैर-सूचीबद्ध उच्च स्तरीय एनबीएफसी को तीन साल के भीतर स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होना जरूरी है। इस साल टाटा कैपिटल और एचडीबी फाइनैंशियल सूचीबद्ध हुई है जिन्हें तीन साल पहले उच्च स्तरीय श्रेणी में शामिल किया गया था।

अक्टूबर 2022 से लागू नियम के तहत आरबीआई के विनियमन ढांचे के अनुसार एनबीएफसी को चार स्तरों में वर्गीकृत किया गया है। पिछले वित्त वर्ष के अंत तक उच्च स्तर में 15 एनबीएफसी थीं और मध्य स्तर में 495 एनबीएफसी को चिह्नित किया गया था। आधार स्तर में करीब 9,000 एनबीएफसी हैं।

First Published - October 26, 2025 | 9:37 PM IST

संबंधित पोस्ट