डाबर इंडिया के टूथपेस्ट ब्रांड में काफी तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। बताया जा रहा है कि इस ब्रांड की बढ़ोतरी इस उद्योग की कुल बढ़ोतरी से भी अधिक है।
डाबर टूथपेस्ट के बाजार में इजाफा से इस वस्तु के पारंपरिक बाजार में भारी फेरबदल देखने को मिला है। जिस पर अबतक बहुराष्ट्रीय कंपनी हिन्दुस्तान यूनिलीवर व कॉलगेट जैसी कंपनियों का कब्जा था।
एसी निलसेन द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2007 के अप्रैल से दिसंबर के बीच डाबर रेड, बबूल व मेसवाक में कुल 37.1 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
इस बढ़ोतरी के साथ ही टूथपेस्ट के बाजार में डाबर की हिस्सेदारी वर्ष 2007 में बढ़कर 12.2 फीसदी हो गई। वर्ष 2006 में डाबर की हिस्सेदारी मात्र 10.01 फीसदी थी। मूल्यों के लिहाज से डाबर टूथपेस्ट का बाजार बढ़कर 9.1 फीसदी पर पहुंच गया।
जो कि वर्ष 2006 में मात्र 7.7 था। दूसरी ओर कालगेट व हिन्दुस्तान यूनिलीवर के पेप्सोडेंट के बाजार में वर्ष 2007 में गिरावट दर्ज की गई। वर्ष 2006 में बाजार में कालगेट की हिस्सेदारी 37.4 फीसदी थी जो वर्ष 2007 में घटकर 36.6 फीसदी रह गई।
पेप्सोडेंट की हिस्सेदारी वर्ष 2006 में 13.7 फीसदी थी जो गिरकर वर्ष 2007 में मात्र 12.5 फीसदी रह गई। जबकि डाबर बबूल का बाजार वर्ष 2006 के 3.8 फीसदी से बढ़कर 5.3 फीसदी पर पहुंच गया।
डाबर के टूथपेस्ट ब्रांडों में बीते दो सालों से लगातार इजाफा हो रहा है। मूल्य के लिहाज से डाबर टूथपेस्ट ब्रांड में वर्ष 2007 में 33.8 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई वही इस उद्योग की बढ़ोतरी मात्र 13.2 फीसदी रही।
मात्रा के लिहाज से भी डाबर के टूथपेस्ट ब्रांड में काफी तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है। मात्रा के मुताबिक वर्ष 2007 में पूरे टूथपेस्ट उद्योग में मात्र 9.4 फीसदी की बढ़ोतरी हई वही डाबर टूथपेस्ट में 31.5 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
डाबर इंडिया के सीईओ ने बताया कि उत्पादों के स्तर में और सुधार लाने के लिए हम हमेशा प्रयासरत हैं। साथ ही ब्रांड निर्माण पर भी हमारा पूरा ध्यान होता है। कंपनी ने बबूल के ब्रांड एंबेसडर के रूप में विवेक ओबरॉय को साइन किया है।