अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर का वित्त वर्ष की पहली तिमाही के मुनाफे में 14 फीसदी का इजाफा हुआ है।
कंपनी ने विद्युत उत्पादन के संचालन में दक्षता और उपकरणों के लिए बड़े ठेकों की मदद से यह इजाफा दर्ज किया है। 30 जून को समाप्त हुई तिमाही में कंपनी का शुद्ध मुनाफा बढ़ कर 253 करोड़ रुपये हो गया जो पूर्ववर्ती वर्ष की समान अवधि में 222 करोड़ रुपये था। कंपनी की कुल आय 32 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 2,618 करोड़ रुपये रही जो पिछले साल की समान तिमाही में 1,984 करोड़ रुपये रही थी।
बिक्री में इजाफा
इस अवधि के दौरान कंपनी ने 2 फीसदी के इजाफे के साथ कुल 253.9 करोड़ यूनिट बिजली की बिक्री की। वैसे तिमाही के दौरान बिजली की बिक्री से कुल राजस्व 37 फीसदी की बढ़त के साथ 1,764 करोड़ रुपये रहा। पिछले साल ही समान तिमाही में यह राजस्व 1,285 करोड़ रुपये था।
रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के मुख्य कार्यकारी ललित जालान ने बताया, ‘हमारे दहाणु विद्युत संयंत्र ने 100 फीसदी प्लांट लोड फैक्टर (पीएलएफ) का परिचालन किया जिससे उत्पादन को बढ़ावा मिला। इसके अलावा हमारे ईपीसी कारोबार में भी 320 फीसदी का इजाफा हुआ।’
इंसेटिव की पेशकश
सूत्रों के मुताबिक महाराष्ट्र इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी अथॉरिटी (एमईआरसी) ने बेतहर पीएलएफ, स्टेशन हीट रेट, तेल खपत और अन्य संचालन किफायतों के लिए इंसेंटिव्स की पेश्कश की है। कंपनी के दहाणु ताप विद्युत संयंत्र ने 103.2 फीसदी का पीएलएफ हासिल कर 112.6 करोड़ यूनिट बिजली पैदा की।
कंपनी के ईपीसी खंड का कारोबार तिमाही के लिए 434 करोड़ रुपये रहा जो पूर्ववती साल की समान अवधि में 339 करोड़ रुपये था। ईपीसी खंड का ऑर्डर बुक 30 जून 2008 को तकरीबन 21,044 करोड़ रुपये था जो पूर्ववर्ती वर्ष की समान तिमाही में 5,035 करोड़ रुपये था। इस तिमाही के लिए ईपीसी और ठेकों से होने वाला मुनाफा 47.40 करोड़ रुपये रहा जो पिछले साल की समान अवधि में 17.24 करोड़ रुपये था। फिलहाल रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर 3500 मेगावाट की परियोजनाएं चला रही है।