facebookmetapixel
Editorial: टिकाऊ कर व्यवस्था से ही बढ़ेगा भारत में विदेशी निवेशपीएसयू के शीर्ष पदों पर निजी क्षेत्र के उम्मीदवारों का विरोधपहले कार्यकाल की उपलब्धियां तय करती हैं किसी मुख्यमंत्री की राजनीतिक उम्रवित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही के दौरान प्रतिभूतियों में आई तेजीलक्जरी ईवी सेगमेंट में दूसरे नंबर पर जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर इंडियाअगले तीन साल के दौरान ब्रिटेन में 5,000 नई नौकरियां सृजित करेगी टीसीएसभारत में 50 करोड़ पाउंड निवेश करेगी टाइड, 12 महीने में देगी 800 नौकरियांसरकार ने विद्युत अधिनियम में ऐतिहासिक संशोधन किया पेश, क्रॉस-सब्सिडी के बोझ से मिलेगी राहतअर्थव्यवस्था बंद कर विकास की गति सीमित कर रहा भारत: जेरोनिम जेटल्मेयरTata Trusts की बैठक में टाटा संस विवाद पर चर्चा नहीं, न्यासियों ने परोपकारी पहल पर ध्यान केंद्रित किया

जरूरी सुविधाएं उपलब्ध होने के बाद भारत में सेमीकंडक्टर चिप्स बनाएगा क्वालकॉम

क्वालकॉम भारत को सेमीकंडक्टर चिप उत्पादन का हब बनाने में मदद करेगा

Last Updated- November 01, 2023 | 3:49 PM IST
Qualcomm India

देश में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होने के बाद क्वालकॉम (Qualcomm) की योजना भारत में सेमीकंडक्टर चिप्स बनाने की है। वे अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करेंगे और बड़े पैमाने पर एडवांस चिप्स का प्रोडक्शन करने के लिए लोकल पार्टनर्स के साथ टीम बनाएंगे।

भारत के लिए क्वालकॉम की योजना में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होने के बाद निवेश करना शामिल है। वर्तमान में, वे चिप्स डिज़ाइन करते हैं और उन्हें विश्व स्तर पर पार्टनर प्लांट द्वारा मैन्युफैक्चर करते हैं।

इन पार्टनर प्लांट में से एक ताइवान का TSMC है। मैन्युफैक्चर करने के बाद वे इन चिप्स को मोबाइल डिवाइस मेकर और कार मैन्युफैक्चरर को बेच देते हैं।

फैब प्लांट और OSAT फैसिलिटी के बाद शुरू होगा काम

क्वालकॉम इंडिया के अध्यक्ष सावी सोइन ने एक इंटरव्यू में कहा, “एक बार जब भारत के पास अपने स्वयं के फैब प्लांट और OSAT फैसिलिटी होंगी, तो क्वालकॉम लोकल लेवल पर निवेश और मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस में योगदान देगा।”

सोइन कहते हैं, भारत में क्वालकॉम दो प्रमुख कारणों से खुद को एक खास प्लेयर के रूप में देखता है। सबसे पहले, बड़े पैमाने पर चिप बेचना उन्हें ईकोसिस्टम में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बनाता है।

दूसरा, टेक्नॉलजी के संदर्भ में, वे अत्याधुनिक सॉल्यूशन प्रदान कर सकते हैं, एक साथ दो अग्रणी नोड्स की पेशकश कर सकते हैं, और अपने पार्टनरों के लिए टेक्नॉलजी प्रदाता के रूप में काम कर सकते हैं।

सरकार के सपोर्ट की जरूरत

हालांकि, ऐसा करने के लिए सरकार के सपोर्ट की भी जरूरत होगी। सोइन कहते हैं, “हमें अपने प्रोडक्ट की ज्यादा मांग पैदा करने के लिए भारत में सरकार से मदद की ज़रूरत है। इसलिए, हमें ज्यादा लोकल ब्रांडों की ज़रूरत है, जो हमारी चिप्स का उपयोग करेंगे। चीन में यह समस्या नहीं थी; उनके पास बहुत सारे उपभोक्ता ब्रांड थे। उदाहरण के लिए, SMIC बड़े OEM बेस को चिप्स बेच सकता है।”

सस्ते 5G फोन में AI तकनीक लाने की कोशिश 

5G में सस्ते फोन के बारे में बात करते हुए, सोइन बताते हैं कि वे पहले ही 10,000 रुपये से कम कीमत पर पहुंच चुके हैं, और उनकी कोशिश इसे और नीचे लाने का नहीं बल्कि इसे AI तकनीक के साथ जोड़ने का होगा।

सोइन कहते हैं: “हमारे पास पहले से ही 9,999 रुपये में एक फोन है, और इसकी कीमत और भी कम होगी। OEM पहले से ही अपने 4G पोर्टफोलियो से 5G की ओर बढ़ रहे हैं।”

“और हम उनके और फ्लिपकार्ट के साथ-साथ अमेज़ॅन के साथ कीमतों को कम करने के लिए काम कर रहे हैं, ताकि इसे आगे बढ़ाया जा सके। हम जो योजना बना रहे हैं वह बड़े पैमाने पर बाजार में 5जी फोन में यथासंभव हद तक एआई क्षमता लाने की है।”

सोइन कह रहे हैं कि सस्ते 5G फोन पहले ही 10,000 रुपये से कम कीमत पर पहुंच चुके हैं, और अब ध्यान केवल कीमतें कम करने पर नहीं बल्कि AI तकनीक को जोड़ने पर भी है। वर्तमान में उनके पास 9,999 रुपये की कीमत वाला फोन है, और लक्ष्य AI फैसिलिटी को शामिल करते हुए इस सामर्थ्य को बनाए रखना है।

सोइन ने कीमतों को कम करने के लिए OEM, फ्लिपकार्ट और अमेज़ॅन के साथ सहयोग का जिक्र किया है, जिसमें बड़े पैमाने पर 5G फोन में AI कैपेबिलिटी को लाने पर विशेष जोर दिया गया है।

ऑटोमोटिव सेक्टर में क्वालकॉम 

क्वालकॉम ऑटोमोटिव सेक्टर में कदम रख रहा है, उसने दोपहिया वाहन सेक्टर में एथर एनर्जी और ओला इलेक्ट्रिक के साथ पार्टनरशिप की है। हालांकि इस सेक्टर में वैश्विक निवेश पर्याप्त है, भारत का योगदान अपेक्षाकृत छोटा है लेकिन तेजी से बढ़ रहा है। वैश्विक दिग्गज ने पहले ही इस क्षेत्र में 30 अरब डॉलर की पाइपलाइन की घोषणा की हुई है।

सोइन का कहना है कि सॉफ्टवेयर ऑटोमोबाइल उद्योग में इनोवेशन की कुंजी है। TCS और टेक महिंद्रा जैसी भारतीय आईटी कंपनियां इस इनोवेशव का नेतृत्व करने के लिए अच्छी स्थिति में हैं। वह सॉफ्टवेयर वाले वाहनों, डिजिटल टेलीमैटिक्स और दोपहिया वाहनों के लिए कम पावर वाली कनेक्टिविटी में भी अवसर देखते हैं। उन्होंने संकेत दिया कि वे जल्द ही रॉयल एनफील्ड के साथ कुछ घोषणाएं करेंगे।

First Published - November 1, 2023 | 3:49 PM IST

संबंधित पोस्ट