Q4FY24 Earnings Preview: पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में निफ्टी 50 कंपनियों के मुनाफे में ब्रोकरेज फर्मों को सुस्ती आने का अंदेशा दिख रहा है। उनके राजस्व में वृद्धि भी उससे पहले की दो तिमाहियों की तरह निचले एक अंक में ही रह सकती है।
विभिन्न ब्रोकरेज का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में निफ्टी 50 कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा साल भर पहले के मुकाबले 3.1 फीसदी ही बढ़ेगा। ऐसा हुआ तो पिछली पांच तिमाहियों में यह सबसे सुस्त वृद्धि होगी। तीसरी तिमाही में निफ्टी 50 कंपनियों का शुद्ध मुनाफा 8,2 फीसदी बढ़ा था और 2022-23 की चौथी तिमाही में इसमें 3.4 फीसदी बढ़ोतरी देखी गई थी।
इस सूचकांक की कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा चौथी तिमाही में 1.87 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में यह 1.76 लाख करोड़ रुपये और 2022-23 की चौथी तिमाही में 1.82 लाख करोड़ रुपये रहा था। पिछली पांच तिमाहियों में तीसरी बार निफ्टी 50 कंपनियों का कुल शुद्ध लाभ 1.8 लाख करोड़ रुपये के पार जाएगा।
इसी तरह निफ्टी 50 कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री (बैंक तथा वित्तीय कंपनियों की शुद्ध ब्याज आय) चौथी तिमाही में लगभग 5.4 फीसदी बढ़कर 14.31 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचने की उम्मीद है। 2022-23 की चौथी तीसरी तिमाही में यह आंकड़ा 13.59 लाख करोड़ रुपये था। मगर इन कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही की 15.35 लाख करोड़ रुपये से 6.75 फीसदी कम रहने का अंदेशा है।
इस कारण सूचकांक की कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री लगातार पांचवीं तिमाही में एक अंक में ही बढ़ने का अनुमान है। मगर तीसरी तिमाही के मुकाबले चौथी तिमाही में शुद्ध बिक्री में बढ़ोतरी के संकेत ब्रोकरेज की उम्मीद बढ़ा रहे है। इसका सेहरा बैंकों और तेल तथा गैस कंपनियों की आय में तेज इजाफे के सिर बंधता है।
प्रमुख विनिर्माण और सेवा क्षेत्र की कंपनियों (बैंक, वित्त एवं बीमा तथा तेल एवं गैस कंपनियों को छोड़कर) की कुल बिक्री वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले 5.2 फीसदी बढ़ने का अनुमान है जो पिछली 13 तिमाही में सबसे कम वृद्धि है। इसकी तुलना में निफ्टी 50 में बीएफएसआई और तेल एवं गैस फर्मों को छोड़कर अन्य कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा इस दौरान 5.2 फीसदी बढ़कर 93,454 करोड़ रुपये रह सकता है। वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में इन कंपनियों का शुद्ध मुनाफा 0.7 फीसदी घटा था।
ब्रोकरेज फर्मों का मानना है कि कच्चे माल की कम कीमतों से मिलने वाले फायदे खत्म होने तथा आय वृद्धि में नरमी के कारण कंपनियों के मुनाफा वृद्धि की रफ्तार घटी है। इक्विरियस रिसर्च के विश्लेषकों ने एक नोट में लिखा है, ‘आय वृद्धि नरम पड़ने और कच्चे माल की कम कीमतों का लाभ खत्म होने से मुनाफा वृद्धि की रफ्तार कम हो रही है। इक्विरियस लिन कंपनियों का विश्लेषण करती है उनका एबिटा पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 6 फीसदी और शुद्ध मुनाफा 4 फीसदी बढ़ेगी।’
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के विश्लेषकों ने लिखा है, ‘हमारे अनुमान के मुताबिक मोतीलाल ओसवाल के विश्लेषण वाली कंपनियों और निफ्टी फर्मों की आय वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में 6 फीसदी बढ़ सकती है। इसके साथ ही उच्च आधार के कारण मार्जिन भी कम रह सकता है। तेल एवं गैस के मुनाफे में 6 फीसदी और खनन एवं धातु क्षेत्र की कंपनियों के मुनाफे में 12 फीसदी की कमी आ सकती है।’
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटी के विश्लेषकों का मानना है कि वाहन, बैंक तथा फार्मा कंपनियों के मुनाफे में अपेक्षाकृत तेज वृद्धि देखी जा सकती है। विश्लेषकों ने कहा, ‘हमारा मानना है कि वाहन और कलपुर्जा कंपनियों, बैंक, वित्तीय इकाइयों, गैस वितरण कंपनियों तथा फार्मा क्षेत्र की कंपनियों के शुद्ध मुनाफे में वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में इजाफा हो सकता है।’
यह विश्लेषण निफ्टी 50 में शामिल 48 कंपनियों पर आधारित हैं। सूचकांक की दो कंपनियां बजाज फिनसर्व और अदाणी एंटरप्राइजेज इस नमूने में शामिल नहीं हैं।