देश में किसी न किसी परिवार के स्वामित्व वाले पांच शीर्ष कारोबारी समूहों के लिए चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) मिले जुले प्रदर्शन से भरी रही। आय के लिहाज से 5 बड़े कारोबारी समूहों में से 3 की कुल शुद्ध बिक्री वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में घटी है और दो समूहों के शुद्ध मुनाफे में पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले कमी आई है।
पांचों समूहों की सभी सूचीबद्ध कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री अप्रैल-जून, 2022 के मुकाबले महज 2.2 फीसदी बढ़ी और 6.6 लाख करोड़ रुपये रही। इनकी शुद्ध बिक्री उस तिमाही में 42.8 फीसदी और चौथी तिमाही में 10.3 फीसदी बढ़ी थी। इन 5 समूहों की सूचीबद्ध कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में साल भर पहले के मुकाबले 13.9 फीसदी बढ़कर 55,551.4 करोड़ रुपये रहा। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 48,764.4 करोड़ रुपये था।
इन कारोबारी समूहों में अदाणी, महिंद्रा और टाटा समूह की कंपनियां आय वृद्धि के मामले में अव्वल रहीं मगर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में मुकेश अंबानी और आदित्य बिड़ला समूह की कंपनियों के शुद्ध मुनाफे में अप्रैल-जून, 2022 के मुकाबले गिरावट देखी गई। टाटा समूह की कंपनियों ने इस दौरान सबसे ज्यादा वृद्धि की। इस जून में खत्म तिमाही के दौरान टाटा की कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही से 16.7 फीसदी बढ़ी। उनके बाद महिंद्रा समूह की कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री में 13.2 फीसदी का इजाफा हुआ। इसके विपरीत अदाणी, मुकेश अंबानी और आदित्य बिड़ला समूह की कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री में पिछले साल की तुलना में गिरावट देखी गई।
यह विश्लेषण शीर्ष 5 कारोबारी घरानों की सभी सूचीबद्ध कंपनियों के तिमाही नतीजों पर आधारित है। हमारे नमूने में कुल 33 कंपनियां शामिल हैं। मगर समूह की सूचीबद्ध कंपनियों की सूचीबद्ध सहायक इकाइयों को इसमें शामिल नहीं किया गया है। इनमें से 18 कंपनियां टाटा समूह की और 6 अदाणी समूह की हैं। हमारे नमूने में अदाणी समूह द्वारा हाल में अधिग्रहीत की गई अंबुजा सीमेंट, एसीसी, एनडीटीवी और अदाणी विल्मर शामिल नहीं हैं।
शीर्ष 5 समूहों में टाटा समूह की कंपनियों का दबदबा रहा और पांचों की कुल शुद्ध आय में 40 फीसदी हिस्सेदारी टाटा की ही रही। शुद्ध मुनाफे में भी इस समूह का 34 फीसदी योगदान रहा। मुकेश अंबानी की कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री में 31.5 फीसदी और शुद्ध मुनाफे में 29 फीसदी हिस्सेदारी रही।
आंकड़ों से पता चलता है कि टाटा और मुकेश अंबानी समूह तथा अन्य कारोबारी घरानों की आय और मुनाफे में काफी अंतर है। टाटा समूह की कंपनियों में टाटा मोटर्स, टाटा स्टील और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) की आय अन्य समूहों की कुल आय से अधिक रही। इसी तरह रिलायंस के रिफाइनिंग, पेट्रोरसायन, दूरसंचार और रिटेल कारोबार की आय अन्य समूहों की कुल आय से अधिक रही।
व्यक्तिगत स्तर पर अदाणी समूह की कंपनियां मुनाफा वृद्धि की सूची में शीर्ष पर रहीं लेकिन यह चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अदाणी पावर की अन्य आय पिछले साल की समान अवधि की तुलना में चार गुना इजाफा होने की वजह से है। अगर इसे हटा दें तो अदाणी समूह की कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में 24 फीसदी घटकर 49,567.5 करोड़ रुपये रही, जो वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में 65,307.4 करोड़ रुपये रही थी।
अदाणी समूह की शुद्ध बिक्री में गिरावट अदाणी पावर और अदाणी एंटरप्राइजेज की कम आय की वजह से आई है। अदाणी पावर की शुद्ध बिक्री वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में 19.8 फीसदी घटी और अदाणी एंटरप्राइजेज की शुद्ध बिक्री में 37.7 फीसदी गिरावट दर्ज की गई। अदाणी एंटरप्राइजेज की आय में गिरावट की असली वजह उसके कायोला कारोबार में 50 फीसदी गिरावट आना है। कोयला कारोबार की अदाणी एंटरप्राइजेज की कुल शुद्ध बिक्री में करीब दो-तिहाई हिस्सेदारी है।
शीर्ष 5 कारोबारी समूहों में महिंद्रा और टाटा समूह की कंपनियों का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा है। वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में टाटा मोटर्स और टीसीएस की आय दो अंक में बढ़ने का फायदा टाटा समूह को मिला। इसी तरह वाहन और वित्तीय सेवा कारोबार की आय दो अंक में बढ़ने से महिंद्रा समूह को फायदा हुआ है।
इसके उलट मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज और आदित्य बिड़ला समूह की हिंडाल्को तथा ग्रासिम को वैश्विक स्तर पर जिंसों के दाम घटने से आय और मुनाफे में चपत लगी है।
दीर्घावधि के लिहाज से अधिकतर कारोबारी समूहों की आय वृद्धि में तेज गिरावट आई है और अदाणी समूह की कंपनियों की आय सबसे ज्यादा घटी है। उधर वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में टाटा समूह की कंपनियों की शुद्ध बिक्री में वृद्धि पिछली तीन तिमाही में सबसे अच्छी रही है। इसमें वैश्विक कारोबार की आय का अहम योगदान रहा है। टाटा समूह की कुल आय में करीब 50 फीसदी योगदान टीसीएस की निर्यात आय और टाटा मोटर्स के जगुआर लैंडरोवर (जेएलआर) की बिक्री आय का रहा। जेएलआर अपने ज्यादातर वाहन यूरोप, अमेरिका और चीन में बेचती है।
अधिकतर कारोबारी समूहों का शुद्ध मुनाफा वृद्धि लगभग सपाट रही और इसमें पिछली 6 तिमाही से बमुश्किल इजाफा हुआ है।