सतर्क आर्थिक माहौल के बीच स्थिर सौदे के दम पर एचसीएल टेक ने वित्त वर्ष 24 के लिए राजस्व में 6 से 8 फीसदी का अनुमान बरकरार रखा है। वित्त वर्ष 24 के लिए कंपनी का एबिटा मार्जिन अनुमान भी 18-19 फीसदी पर अपरिवर्तित रहा है।
नोएडा की आईटी सेवा कंपनी ने जून में समाप्त पहली तिमाही में 3,534 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया, जो सालाना आधार पर 7.6 फीसदी ज्यादा है जबकि तिमाही आधार पर 11.3 फीसदी कम। साथ ही यह ब्लूमबर्ग के 3,843 रुपये के अनुमान के मुकाबले थोड़ा कम रहा।
पिछले साल की तुलना में जून तिमाही का राजस्व 12.1 फीसदी बढ़कर 26,296 करोड़ रुपये हो गया मगर यह ब्लूमबर्ग के अनुमान 26,895 करोड़ रुपये से कम रहा। हालांकि, क्रमिक आधार पर इंजीनियरिंग और आर ऐंड डी सेवाओं के कारोबार में नरमी के कारण राजस्व में 1.2 फीसदी की गिरावट आई, जिसमें तिमाही दर तिमाही 5.2 फीसदी की गिरावट आई।
जून तिमाही में कंपनी का डॉलर राजस्व स्थिर मुद्रा में सालाना 6.3 फीसदी बढ़कर 3.2 अरब डॉलर हो गया। ऐसा नए सौदे हासिल करने के कारण हुआ। कंपनी ने 18 बड़े सौदे किए, जिनमें से सात सेवाओं में और 11 सॉफ्टवेयर में थे। नए सौदों का कुल अनुबंध मूल्य (टीसीवी) 1.6 अरब डॉलर था।
एचसीएल टेक के मुख्य कार्याधिकारी (CEO) और प्रबंध निदेशक (MD) सी. विजयकुमार ने कहा, ‘पहली तिमाही में हमारा राजस्व और कर्मचारियों की संख्या मांग के माहौल के अनुरूप कम हो गई। हमने वित्तीय सेवा, विनिर्माण और जीव विज्ञान तथा स्वास्थ्य सेवा जैसे अपने सबसे बड़े क्षेत्रों में बड़े सौदों के कारण पिछले साल के मुकाबले दोहरे अंक की वृद्धि देखी। इन बड़े सौदों से इन क्षेत्रों में ग्राहकों के विवेकाधीन खर्चों में कटौती की भरपाई करने में मदद मिली।’
भारतीय आईटी कंपनियों में आम तौर पर विवेकाधीन खर्च में कटौती देखी जा रही है क्योंकि अनिश्चित वृहद आर्थिक माहौल तथा अमेरिका और यूरोप जैसे प्रमुख बाजारों में बढ़ती मुद्रास्फीति के कारण ग्राहक सतर्क हो गए हैं। विश्लेषकों ने बताया है कि भारतीय आईटी कंपनियों के लिए राजस्व वृद्धि में महामारी से प्रेरित शिखर पीछे रह सकता है।
जून तिमाही के लिए नौकरी छोड़ने की दर पिछले वर्ष के 23.8 फीसदी से घटकर 16.3 फीसदी हो गई और पिछले तीन महीनों में 19.5 फीसदी थी, जो वित्त वर्ष के दौरान क्रमिक गिरावट का संकेत देती है।