वित्त वर्ष 2022-23 (वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही) में पेटीएम (Paytm) (वन97 कम्युनिकेशंस) के उत्साहजनक परिणामों की वजह से कंपनी के शेयर की कीमत में तेजी आई, जिसमें सोमवार को लगभग पांच प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पेटीएम ने वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही में 2,330 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया, जिसमें सालाना आधार पर 51 प्रतिशत (तिमाही आधार पर 13.2 प्रतिशत) का इजाफा हुआ।
27 प्रतिशत मासिक उपयोगकर्ता लेनदेन (MTU) की वृद्धि और सालाना आधार पर 19 प्रतिशत की प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (ARPU) वृद्धि की अगुआई में इसमें तेजी आई। MTU को ऐसे उपयोगकर्ता के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो प्रति माह कम से कम एक लेनदेन करता हो।
पेटीएम ने चौथी तिमाही में 180 करोड़ रुपये के साल भर के UPI प्रोत्साहन को मान्यता दी और यह राशि पहले नौ महीने में लगभग 133 करोड़ रुपये रही। UPI प्रोत्साहनों के लिए समायोजित राजस्व में तिमाही आधार पर पांच प्रतिशत और सालाना आधार पर 43 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई।
इस वृद्धि का नेतृत्व मर्चेंट भुगतान कारोबार द्वारा किया गया, जो तिमाही आधार पर (UPI प्रोत्साहन के लिए समायोजित) 14 प्रतिशत अधिक रहा, जबकि वित्तीय सेवाओं में तिमाही आधार पर 6.5 प्रतिशत वृद्धि हुई, जिसकी अगुआई वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही में लगभग 50 लाख उधारकर्ता आधार ने की।
UPI प्रोत्साहनों को छोड़ने के बाद समायोजित एबिटा वित्त वर्ष 23 की तीसरी तिमाही के 31.3 करोड़ रुपये से बढ़कर 100 करोड़ रुपये हो गया। एबिटा मार्जिन (ईसॉप हटाकर) 300 आधार अंक (BPS) तक बढ़कर राजस्व के 4.5 प्रतिशत स्तर तक पहुंच गया, जो वित्त वर्ष 23 की तीसरी तिमाही में 1.5 प्रतिशत था।
शुद्ध घाटा तीसरी तिमाही के 390 करोड़ रुपये से घटकर चौथी तिमाही में 170 करोड़ रुपये रह गया। वित्त वर्ष 23 में शुद्ध घाटा 1,780 करोड़ रहा, जबकि वित्त वर्ष 22 में 2,400 करोड़ का घाटा था।
शुद्ध भुगतान मार्जिन बढ़कर 15 आधार अंक हो गया और इसके परिणामस्वरूप UPI प्रोत्साहनों के लिए समायोजित योगदान मार्जिन (सेवाओं की परिवर्तनीय लागत घटाकर राजस्व) सुधरकर 52 प्रतिशत हो गया। शुद्ध भुगतान मार्जिन सालाना आधार पर 158 प्रतिशत बढ़कर 690 करोड़ रुपये (UPI प्रोत्साहन को छोड़कर सालाना आधार पर 107 प्रतिशत) हो गया। उपकरण सदस्यता आय अच्छी रही, क्योंकि सदस्यता उपकरण 10 लाख बढ़कर 68 लाख हो गए।
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आंकड़ों से संकेत मिलता है कि भुगतान और वित्तीय सेवाओं से राजस्व सालाना आधार पर 59 प्रतिशत बढ़कर 1,920 करोड़ रुपये हो गया, जिसमें वित्तीय सेवाओं में सालाना आधार पर 182 प्रतिशत की वृद्धि हुई और व्यापारियों की भुगतान सेवाओं में 61 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वित्तीय सेवाओं का राजस्व में लगभग 20 प्रतिशत योगदान होता है।
सीजनल वॉल्यूम की वजह से वाणिज्य और क्लाउड सेवाओं से राजस्व सालाना आधार पर 23 प्रतिशत बढ़कर 390 करोड़ हो गया। सक्रिय कार्ड बढ़कर छह लाख हो गए, इनमें 1,40,000 का इजाफा हुआ। प्रोत्साहन संबंधी कैश-बैक और प्रोत्साहन कम होने के कारण प्रत्यक्ष व्यय कुल राजस्व का 45 प्रतिशत रह गया।