दिल्ली उच्च न्यायालय ने ओप्पो को इंटरडिजिटल के लिए बकाया सभी रॉयल्टी जमा कराने का निर्देश दिया है और यदि वह ऐसा नहीं करती है तो भारत में उसके द्वारा डिवाइस की बिक्री प्रतिबंधित की जा सकती है। न्यायालय ने ओप्पो पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
दुनियाभर में मोबाइल डिवाइस, नेटवर्क और सेवाओं के लिए वायरलेस और वीडियो टेक्नोलॉजी मुहैया कराने वाली इंटरडिजिटल द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि ओप्पो ने उसके 3जी, 4जी और 5जी स्टैंडर्ड एसेंशियल पेटेंट्स (एसईपी) का उल्लंघन किया था।
न्यायमूर्ति प्रतिभा सिंह ने कहा, ‘प्रतिवादी को वर्ष 2021-22, 2022-23, 2023-24 के लिए पिछली सभी बिक्री से संबंधित राशि इस अदालत के रजिस्ट्रार जनरल के पास तीन महीने के अंदर जमा करानी चाहिए। इस राशि को ऑटो-रिन्यूअल मोड पर ब्याज वाली सावधि जमा में रखा जाएगा।’
न्यायालय ने कहा कि ऐसा नहीं किए जाने पर इंटरडिजिटल को अदालती आदेशों के गैर-अनुपालन की वजह से इंटरडिजिटल को भारत में ओप्पो द्वारा किसी भी अन्य डिवाइस की बिक्री पर निषेधाज्ञा/रोक लगाने की मांग करते हुए अदालत के समक्ष एक आवेदन दायर करने का अधिकार है।
कोर्ट ने आदेश दिया कि ट्रायल इस साल के अंत तक पूरा हो जाना चाहिए वरना ओप्पो को अतिरिक्त रकम चुकानी पड़ेगी।
न्यायमूर्ति सिंह ने कहा, ‘मामले में सुनवाई 2024 में पूरी हो जानी चाहिए। यदि दिसंबर 2024 तक किसी कारण सुनवाई पूरी नहीं होती है तो प्रतिवादियों को 31 मार्च 2025 तक रजिस्ट्रार जनरल के पास अतिरिक्त रकम जमा करानी होगी।’ पिछले साल ओप्पो को नोकिया के साथ विवाद में इंटरिम सिक्युरिटी चुकाने का निर्देश दिया गया था।