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OMC के विपणन मार्जिन में हुआ सुधार

Last Updated- December 20, 2022 | 11:37 PM IST
Earnings of oil marketing companies will increase in the fourth quarter!

गिरावट की लंबी अवधि के बाद सरकारी स्वामित्व वाली प्रमुख तेल कंपनियों के विपणन मार्जिन में दिसंबर में सुधार होना शुरू हो गया है और यह वृद्धि पथ पर कायम रहने वाला है। विश्लेषकों ने यह संभावना जताई है। ICICI सिक्योरिटीज के एक नोट के अनुसार पेट्रोल और डीजल का मिश्रण विपणन मार्जिन 13 दिसंबर को 10 महीने के सर्वा​धिक स्तर प्रति लीटर 2.4 रुपये पर पहुंच चुका है।

मोतीलाल ओसवाल रिसर्च द्वारा सप्ताहांत में जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि यह चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीने की तुलना में पूरी तरह से उलट है, जब वैश्विक कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतों में अस्थिरता और आपूर्ति लागत के बावजूद तेल विपणन कंपनियों (OMC) को पंप की अपरिवर्तित कीमतों के परिणामस्वरूप नुकसान पहुंचा था। इसमें कहा गया है कि OMC को वित्त वर्ष 23 में अब तक डीजल पर प्रति लीटर औसतन 9.5 रुपये और पेट्रोल पर प्रति लीटर 0.1 रुपये का विपणन घाटा हुआ है।

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOCL), भारत पेट्रोलियम (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) जैसी OMC के मामले में आपूर्ति पक्ष के संबंध में लॉजि​स्टिक्स मसले बड़ा सिरदर्द रहे हैं क्योंकि यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर पश्चिमी देशों और रूस के बीच राजनयिक गतिरोध जारी है।

अलबत्ता कच्चे तेल के दामों में गिरावट और अ​धिक सकल रिफाइनिंग मार्जिन (GRM) का अर्थ यह है कि पिछले दो महीने में संपूर्ण विपणन मार्जिन में लगातार सुधार शुरू हो चुका है। पेट्रोल और डीजल दोनों के ही मामले में हालात में राहत मिली है। वित्त वर्ष 23 की तीसरी तिमाही में अब तक पेट्रोल पर मार्केटिंग मार्जिन सुधरकर प्रति लीटर 9.7 रुपये हो चुका है। पिछली दो तिमाहियों में घाटा दर्ज करने के बाद ऐसा हुआ है।

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यह रिपोर्ट लिखे जाने के समय कच्चे तेल के दाम अ​स्थिर होकर 79.2 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर आ गए थे। उद्योग के सूत्रों ने कहा कि मौजूदा यूक्रेन संकट, तेल उत्पादक देशों के OPEC+ अन्य देशों द्वारा सक्रिय कोटा प्रबंधन और मांग संकट के कारण यह ​स्थिति निकट से मध्य अवधि तक जारी रहने के आसार हैं। तीसरी तिमाही में डीजल पर घाटा कम होकर प्रति लीटर 3.6 रुपये के स्तर पर आ गया है, जो वित्त वर्ष 23 की दूसरी तिमाही के 12.4 रुपये प्रति लीटर से काफी कम है।

हाल के महीनों में विपणन खंड में घाटे की कुछ भरपाई वित्त वर्ष 23 में रिकॉर्ड स्तर के जीआरएम ने की है। जीआरएम वह राशि होती है, जिसे रिफाइनर कच्चे तेल को परिष्कृत ईंधन उत्पादों में तब्दील करके अर्जित करते हैं। ICICI सिक्योरिटीज ने कहा है कि तीसरी तिमाही में अब तक तीनों ओएमसी के मामले में औसत जीआरएम प्रति बैरल 13 से 16 डॉलर की दर पर कायम रहा है।

First Published - December 20, 2022 | 10:43 PM IST

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