कुवैत ने एशिया के कुछ तेलशोधकों को अपने सालाना सौदे से कम तेल लेने को कहा है, क्योंकि उसे उम्मीद है कि अल जोउर रिफाइरी इस साल के अंत तक पूरी तरह उत्पादन शुरू हो पाएगा। इस मामले से जुड़े 3 रिफाइनिंग सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
कुवैत से कम आपूर्ति होने पर पश्चिम एशिया से एशिया को आपूर्ति घटेगी और खासकर चीन में मांग बढ़ने से कीमतों को समर्थन मिलेगा। चीन विश्व का सबसे बड़ा आयातक है और उम्मीद है कि इस साल चीन में मांग सामान्य हो जाएगी।
भारत के दो रिफाइनरों और एक जापानी रिफाइनर से जुड़े सूत्रों ने रॉयटर्स से कहा कि केपीसी ने कुछ खरीदारों को सूचित किया है कि कुवैत एक्सपोर्ट ब्लेंड क्रूड की आपूर्ति अप्रैल से शुरू हो रहे नए सालाना कॉन्ट्रैक्ट में कम हो सकती है।
इस मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने कहा कि भारत का सबसे बड़ा तेलशोधक इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन अप्रैल से शुरू हो रहे वर्ष में कुवैत से सालाना तेल खरीद में 20 प्रतिशत या 20,000 बीपीडी की कटौती करेगा।
भारतीय रिफाइनिंग के दूसरे सूत्र ने कहा कि कुवैत ने उनकी फर्म से भी संपर्क किया है और अगले वित्त वर्ष के दौरान हुए सावधि सौदे से कम तेल लेने को कहा है।
इस सिलसिले में केपीसी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
कुवैत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (केपीसी) की सहायक इकाई कुवैत इंटीग्रेटेड पेट्रोलियम इंडस्ट्रीज कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी वालीद अल बद्र ने पिछले सप्ताह कहा था कि कुवैत ने अल जऊर रिफाइनरी का दूसरा चरण शुरू किया है।
जापान के रिफाइनिंग सूत्रों ने यह नहीं बताया कि केपीसी आपूर्ति में कितनी कटौती करेगी, लेकिन कहा कि केपीसी ने जापान की अन्य रिफाइनरीज से भी आपूर्ति में कमी पर बात के लिए संपर्क किया है।