नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने गुरुवार को कहा कि रिलायंस कैपिटल के लेनदारों की तरफ से दिवालिया कंपनियों की परिसंपत्तियां बेचने की खातिर नीलामी के दूसरे दौर की योजना कानून का उल्लंघन है।
लेनदारों की समिति एनसीएलटी के इस आदेश के खिलाफ एनसीएलएटी में अपील कर सकती है। लेनदार रिलायंस कैपिटल के लिए दूसरे दौर की नीलामी की योजना बना रहे थे ताकि परिसंपत्ति बेचने पर ज्यादा रकम मिले। पहले चरण की नीलामी के बाद हिंदुजा समूह की तरफ से कंपनी के लिए 9,000 करोड़ रुपये लेनदारों ने इस तरह की योजना बनाई।
अहमदाबाद की टॉरंट 8,640 करोड़ रुपये की पेशकश के साथ सबसे बड़ी बोलीदाता के तौर पर उभरी थी, लेकिन उसने दूसरे दौर की नीलामी की लेनदारों की योजना के बाद एनसीएलटी का रुख किया और कहा कि दूसरे दौर की नीलामी से नीलामी की पूरी प्रक्रिया बिगड़ जाएगी।