टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के कार्यकारी चेयरमैन एन चंद्रशेखरन को वित्त वर्ष 2025 में कुल 155.81 करोड़ रुपये वेतन और अन्य लाभ मिले। चंद्रशेखरन भारत में सबसे अधिक वेतन पाने वाले कॉरपोरेट लीडर्स में से एक बन गए। उनके वेतन-भत्ते में 15 फीसदी की वृद्धि हुई है।
टाटा संस की सालाना रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2025 के दौरान टाटा संस का मुनाफा 24.3 फीसदी घटकर 26,232 करोड़ रुपये रह गया था जो वित्त वर्ष 2024 में 34,654 करोड़ रुपये था।
चंद्रशेखरन के पारिश्रमिक में 15.1 करोड़ रुपये वेतन और अन्य भत्तों के अलावा वित्त वर्ष 2025 में लाभ के लिए मिलने वाला 140.7 करोड़ रुपये का कमीशन भी शामिल है। लाभ पर कमीशन प्रतिशत के रूप में वित्त वर्ष 2025 में शुद्ध लाभ का 0.6 फीसदी था। यह वित्त वर्ष 2024 में शुद्ध लाभ का 0.4 फीसदी था।
टाटा संस के कार्यकारी निदेशक सौरभ अग्रवाल का पारिश्रमिक वित्त वर्ष 2025 में 7.7 फीसदी बढ़कर 32.7 करोड़ रुपये हो गया। पारिश्रमिक में वेतन और कमीशन शामिल था। टाटा समूह के सेवानिवृत्त चेयरमैन रतन टाटा के निधन के बाद पिछले साल 22 अक्टूबर को टाटा संस के बोर्ड में शामिल होने वाले नोएल टाटा को 1.42 करोड़ रुपये का लाभ पर कमीशन मिला।
इस साल मार्च में बोर्ड से सेवानिवृत्त हुए लियो पुरी को 3.13 करोड़ रुपये मिले जबकि पिछले साल अगस्त में सेवानिवृत्त हुए भास्कर भट्ट को लाभ पर 1.33 करोड़ रुपये का कमीशन मिला। टाटा ट्रस्ट के तीन निदेशकों में से एक वेणु श्रीनिवासन ने कंपनी से कमीशन लेने से मना कर दिया है। इस बारे में टाटा संस ने कोई टिप्पणी नहीं की।