भारती एयरटेल के प्रबंध निदेशक और वाइस चेयरमैन गोपाल विट्टल ने कहा कि भारत को एक बहु-हितधारक ढांचे की आवश्यकता है, जो तेजी से डिजिटल होती दुनिया में उपयोगकर्ता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विश्वास, सुरक्षा और विनियमन को संतुलित करे।
इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2025 में बोलते हुए विट्टल ने कहा, आज कनेक्टिविटी एक मौलिक अधिकार की तरह है। अगर इसे छीन लिया जाए तो बैंकिंग और विमानन से लेकर भुगतान तक इसके परिणाम विनाशकारी हो सकते हैं। लेकिन कनेक्टिविटी से परे असली सवाल भरोसे, सुरक्षा और समावेशन के हैं।
उन्होंने कहा कि देश में दूरसंचार विनियम को लगातार विकसित हो रहे डिजिटल जोखिम परिदृश्य के साथ बनाए रखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हालांकि सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को सरकार और नियामक की कड़ी निगरानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन अधिकांश कंपनियां और डिजिटल अर्थव्यवस्था पारिस्थितिकी तंत्र अभी भी जंगली पश्चिम की तरह काम कर रही हैं।
कुल मिलाकर, कंपनी ने पिछले साल सितंबर में स्पैम का पता लगाने और ब्लॉक करने की पहल शुरू होने के बाद से 48 अरब स्पैम संदेशों और 3.5 लाख धोखाधड़ी वाले लिंक को ब्लॉक किया है।
विट्टल ने सितंबर 2024 में स्पैम सुरक्षा पहल के शुभारंभ के दौरान कहा था, दोहरी-परत वाली सुरक्षा के रूप में डिज़ाइन किए गए इस समाधान में दो फिल्टर हैं – एक नेटवर्क स्तर पर और दूसरा आईटी सिस्टम स्तर पर। हर कॉल और एसएमएस इस दोहरी-परत वाली एआई शील्ड से होकर गुजरता है। 2 मिलीसेकंड में हमारा समाधान हर दिन 1.5 अरब संदेशों और 2.5 अरब कॉलों को संसाधित करता है।
इस वर्ष सितम्बर में भारती एयरटेल ने घोषणा की थी कि धोखाधड़ी के विरुद्ध उसके प्रयासों से उसके ग्राहकों का वित्तीय घाटा लगभग 70 फीसदी तक कम हो गया है।