महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (Mahindra & Mahindra) ने इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेंट में महत्त्वाकांक्षी योजना तैयार की है। कंपनी ने इलेक्ट्रिक यात्री वाहन और ई-तिपहिया के साथ ही कृषि क्षेत्र के लिए खास इलेक्ट्रिक उत्पाद लाने की योजना बनाई है।
विश्लेषकों का अनुमान है कि EV और स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (SUV) के लिए अलग-अलग योजना के दम पर वित्त वर्ष 2022 से वित्त वर्ष 2025 के बीच महिंद्रा की वाहन श्रेणी की बिक्री 23 फीसदी बढ़ सकती है। ई-तिपहिया में महिंद्रा पहले ही 36 फीसदी हिस्सेदारी के साथ बाजार की शीर्ष कंपनी है और इसका जहीराबाद संयंत्र मांग पूरी करने के लिए तैयार है। कृषि क्षेत्र में कंपनी खास इलेक्ट्रिक उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करेगी। कंपनी का ज्यादा जोर E-SUV पर होगा।
महिंद्रा ने अपनी इलेक्ट्रिक यात्री वाहन उत्पादन क्षमता बढ़ानी शुरू कर दी है। फिलहाल कंपनी हर महीने 39,000 यात्री वाहन बना रही है, जिसे चालू वित्त वर्ष के अंत तक बढ़ाकर 49,000 करने की उसकी योजना है।
इसके अलावा कंपनी पुणे में 10,000 करोड़ रुपये की लागत से EV प्लांट लगा रही है, जहां नई SUV – XUV E8 का उत्पादन किया जाएगा। इसके बाद कंपनी इनग्लो प्लेटफॉर्म पर अक्टूबर 2026 और इसके बाद चार नए EV लाएगी।
महिंद्रा ऐंड महिंद्रा ने अपने EV की शुरुआत 1999 में इलेक्ट्रिक तिपहिया ‘बिजली’ से की थी। 10 लोगों के बैठने की क्षमता वाले इस ई-तिपहिये को 2002 में दिल्ली में 3.3 लाख रुपये कीमत के साथ उतारा गया था।
2013 में महिंद्रा रेवा के प्लेटफॉर्म पर E20 लेकर आई थी। महिंद्रा ने रेवा का अधिग्रहण 2010 में किया था। कम मांग और सख्त कायदे-कानून देखकर महिंद्रा ने 2019 में इसका उत्पादन बंद कर दिया था। अब EV पर नए सिरे से जोर देने की योजना के साथ कंपनी ने 2027 तक अपनी कुल बिक्री में EV की हिस्सेदारी 20 से 30 फीसदी करने का लक्ष्य रखा है यानी हर साल 2 लाख EV बेचने की उसकी योजना है।
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प्रतिस्पर्द्धी कंपनियों की तुलना में EV सेगमेंट में देर से पहल करने की बात पर महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के कार्यकारी निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी (वाहन एवं कृषि क्षेत्र) राजेश जेजुरिकर ने असहमति जताते हुए कहा, ‘C श्रेणी के SUV में EV की हिस्सेदारी 1 फीसदी से भी कम है और B श्रेणी के SUV में इसका हिस्सा 1.5 से 2 फीसदी है। ऐसे में आप यह नहीं कह सकते कि हमने इस क्षेत्र में देर से शुरुआत की है क्योंकि EV की हिस्सेदारी अभी बहुत कम है। हमें लगता है कि जब हम अपने प्रमुख उत्पाद लेकर आएंगे तो EV बाजार में तेजी आएगी।’
हालांकि विश्लेषकों का कहना है कि कुल यात्री वाहनों की बिक्री में EV की 20 से 30 फीसदी हिस्सेदारी कुछ ज्यादा ही बड़ा लक्ष्य है। उदाहरण के लिए वाहन डीलरों के संगठन फाडा के आंकड़ों के अनुसार टाटा मोटर्स ने वित्त वर्ष 2023 में 38,322 EV बेचे थे, जबकि उसकी कुल बिक्री 4,84,843 वाहनों की रही थी। इस तरह टाटा मोटर्स की कुल यात्री वाहन बिक्री में EV की हिस्सेदारी करीब 7.9 फीसदी रही।
जेजुरिकर ने कहा, ‘जब आप EV को अपनाए जाने का चलन देखेंगे तो पाएंगे कि SUV के ग्राहक EV को ज्यादा तेजी से अपनाएंगे। कई ऐसे SUV ग्राहक हैं, जिनके घर में कई तरह की कार हैं। इसलिए हमें लगता है कि हमारे कुल पोर्टफोलियो में EV की हिस्सेदारी 20 से 30 फीसदी होगी। मुझे नहीं लगता कि बाजार में इतनी ज्यादा तेजी आ चुकी होगी।’
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महिंद्रा केवल E-SUV पर ध्यान दे रही थी, इसलिए उसके पास प्रवेश स्तर की छोटी इलेक्ट्रिक कार नहीं हैं। पिछले हफ्ते एमजी मोटर्स (MG Motor) ने देश की सबसे सस्ती ईवी ‘कॉमेट’ बाजार में पेश की है, जिसकी कीमत 7.98 लाख रुपये है। टाटा की टियागो ईवी 8.69 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) में उपलब्ध है।
लंबे समय से महिंद्रा के डीलर रहे निकुंज सांघी ने कहा कि ई-दोपहिया खरीदने के विपरीत इलेक्ट्रिक कार खरीदने का फैसला यह देखकर नहीं किया जाता कि उसे रखने और चलाने में कुल कितना खर्च आएगा। ईवी शानोशौकत के लिए और खुद को दूसरों से अलग दिखाने के लिए खरीदा जाता है।
महिंद्रा के एक अन्य डीलर ने कहा कि कंपनी पहले ही XUV 400 EV बाजार में उतार चुकी है। उन्होंने कहा, ‘BE की EV रेंज आने से तस्वीर पूरी बदल जाएगी।’ फरवरी तक 15,000 XUV 400 EV बुक हो चुकी थीं और अब आपूर्ति शुरू हुई है।