अहमदाबाद की दवा कंपनी लिंकोइन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड ने निमोनिया और ब्रोंकाइटिस के उपचार में इस्तेमाल होने वाली एंटीबायोटिक्स दवाओं के उत्पादन के लिए मेहसाणा में एक संयंत्र का अधिग्रहण किया है। इस अधिग्रहण के अलावा क्षमता विस्तार और आधुनिकीकरण पर कंपनी अपने आंतरिक संसाधनों से 30 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
इस संयंत्र में सेफालोस्पोरिन दवाओं का उत्पादन होगा जो एक बैक्टेरिसाइडल, ब्रॉड-स्पेक्ट्रम एवं बीटा-लैक्टम एंटीबायोटिक दवा है। यह मूल रूप से फंगस एक्रेमोनियम से प्राप्त होता है। टैबलेट, कैप्सूल, ड्राई सिरप और इंजेक्शन रूप में तैयार होने वाली सेफालोस्पोरिन दवा का इस्तेमाल बैक्टीरिया जनित संक्रमण के उपचार में होता है जैसे निमोनिया, त्वचार संक्रमण, कान में संक्रमण, गले में खरास, स्टैफ इन्फेक्शन, टॉन्सिलाइटिस, ब्रोंकाइटिस आदि। लिंकोइन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक महेंद्र पटेल के अनुसार, कंपनी 2022 तक सेफालोस्पोरिन दवाओं के वाणिज्यिक उत्पादन की उम्मीद कर रही है। उन्होंने कहा, ‘अगले तीन साल में यह संयंत्र घरेलू बाजार और निर्यात को मिलाकर बिक्री में करीब 150 करोड़ रुपये का योगदान कर सकता है।’
गुजरात के मेहसाणा में अधिग्रहीत संयंत्र का डिजाइन पीआईसी और यूरोपीय क्षेत्र के मानकों के अनुरूप है। हालांकि लिंकोइन फार्मा इस संयंत्र के लिए डब्ल्यूएचओ जीएमपी प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया में है। कंपनी ने उम्मीद जताई है कि उसे दिसंबर 2021 तक यह प्रमाण पत्र मिल जाएगा। कंपनी 20 से अधिक सेफालोस्पोरिन दवा बनाने की तैयारी करने के अलावा घरेलू और निर्यात बाजार के लिए उत्पादों का पंजीकरण शुरू करने की भी योजना बना रही है।
