दिशासूचक और ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) तकनीक निर्माता सैटनैव टेक्नोलॉजिज एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया और बीएसएनएल जैसी दूरसंचार कंपिनयों से दिशा संकेत सेवा देने के लिए बातचीत कर रही है।
आवाज के जरिए दिशा-निर्देशक सेवा ‘एलसीयू’ (लॉस्ट नीड डायरेक्शंस कॉल अस) देने के लिए बातचीत चल रही है। सैटनैव के संस्थापक, मुख्य कार्य अधिकारी और प्रबंध निदेशक अमित किशोर प्रसाद ने बताया, ”उन्हें उम्मीद है कि इन कंपनियों से कोई समझौता हो जाएगा और अगले 3 महीने में देश के 36 करोड़ मोबाइल उपभोक्ताओं तक हमारी पहुंच हो जाएगी।”
उल्लेखनीय है कि एलसीयू सैटनैव की पेटेंट की हुई तकनीक सैटगाइड का नया संस्करण है। यह तकनीक महत्वपूर्ण जगहों की सहायता से लोगों को रास्ता बताती है। यह सेवा मोबाइल पर न केवल आवाज बल्कि एसएमएस के जरिए लोगों को दी जाती है। सैटनैव ने किसी भी दूरसंचार कंपनी से यह सेवा पाने के लिए प्रीपेड वाउचर्स बाजार में उतारे हैं।
मालूम हो कि सैटनैव पहले सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज लिमिटेड का एक हिस्सा थी। 2004 में यह एक स्वतंत्र कंपनी के रूप में सामने आई। कंपनी ने पिछले साल अगस्त में हैदराबाद में एलसीयू तकनीक का पहला परीक्षण चक्र शुरू किया था। बाद में इसका दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु तक विस्तार कर दिया गया। दूसरा चक्र नवंबर में 5,000 उपभोक्ताओं के साथ शुरू किया गया।
आरकॉम जो पहले से ही आंध्र प्रदेश में दिशासूचकसेवा दे रही थी, ने फरवरी से कर्नाटक, महाराष्ट्र, दिल्ली और एनसीआर में भी इसे लॉन्च कर दिया। आरकॉम के मुताबिक, बहुत जल्द उसके 5.6 करोड़ ग्राहकों तक यह सेवा पहुंचा दी जाएगी।
देश के 200 शहरों में 15 लाख महत्वपूर्ण चिन्हों का मानिचत्र बना लेने के बाद सैटनैव की योजना जल्द ही क्रोमा, स्टेपल्स, रीज़ोन और एचसीएल डिजिलाइफ के 300 स्टोरों में प्रीपेड वाउचर्स लॉन्च करने की है।
प्रसाद ने बताया कि उनकी योजना 2010 तक 1,000 स्टोरों में प्रीपेड वाउचर्स उपलब्ध कराने की है। पिछले साल इस तकनीक से जहां 6 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी, वहीं इस साल इससे 16 करोड़ रुपये की कमाई होने का अनुमान है।
