टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (Toyota Kirloskar Motor) का मानना है कि दुर्लभ खनिज मैग्नेट की कमी का मसला ‘जल्द’ हल हो जाएगा। यह ‘उत्साहजनक’ बात है कि पूरा भारतीय वाहन उद्योग और केंद्र सरकार इस मामले पर मिलकर काम कर रही है। कंपनी के कंट्री हेड विक्रम गुलाटी ने बुधवार को बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा, ‘अभी तक, हमें ऐसी कोई चिंता नहीं है। लेकिन इस पर हम नजर रख रहे हैं। बेशक, यह पूरे उद्योग का मसला है।’ जब उनसे पूछा गया कि क्या दुर्लभ खनिज मैग्नेट की कमी का टोयोटा की उत्पादन योजनाओं पर कोई असर पड़ा है तो उन्होंने जवाब दिया, ‘नहीं, मैं यह नहीं कह रहा हूं। मैं यह कह रहा हूं कि अभी तक, मुझे लगता है कि पूरा उद्योग ठीक है, लेकिन हर कोई उम्मीद कर रहा है कि यह जल्द ही सुलझ जाएगा।’
वर्तमान में भारत के वाहन उद्योग को दुर्लभ खनिज मैग्नेट की कमी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि चीन ने अप्रैल 2025 में इस पर कड़ा निर्यात नियंत्रण लागू कर दिया है। वह भारत के मैग्नेट आयात के 80 प्रतिशत से अधिक की आपूर्ति करता है। इन नियमों के तहत अंतिम-उपयोग की विस्तृत घोषणाओं की आवश्यकता है और इनकी वजह से जून के मध्य तक शिपमेंट लगभग पूरी तरह रुक चुकी है।
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर में कार्यकारी उपाध्यक्ष का पद भी संभालने वाले गुलाटी ने कहा, ‘दुर्लभ खनिज और मैग्नेट का मसला कुछ ऐसा है, जो पूरी दुनिया पर लागू होता है और भारत अलग नहीं है। पूरा उद्योग, यहां तक कि वाहन उद्योग से परे उद्योग भी प्रभावित है। यह देखकर खुशी होती है कि पूरे उद्योग के साथ-साथ सरकार भी इससे निकलने के लिए मिलकर काम कर रही है और हमें उम्मीद है कि यह जल्द ही सुलझ जाएगा। उन्होंने कहा कि टीकेएम को ‘विश्वास’ है कि सरकार और उद्योग मिलकर इसे सुलझाने में सक्षम होंगे।