facebookmetapixel
घने कोहरे की मार: दिल्ली समेत पूरे उतरी क्षेत्र में 180 से अधिक उड़ानें रद्द, सैकड़ों विमान देरी से संचालितनए साल पर होटलों में अंतिम समय की बुकिंग बढ़ी, पर फूड डिलिवरी करने वाले गिग वर्कर्स के हड़ताल से दबावबांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, विदेश मंत्री एस जयशंकर ढाका जाएंगे अंतिम संस्कार मेंकमजोर गर्मी-लंबे मॉनसून के चलते 2025 में सुस्त रहा उपभोक्ता टिकाऊ सामान बाजार, पर GST कटौती से राहत‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बदला देश का सुरक्षा सिद्धांत, अब सीधे वार के लिए भारत तैयारउम्मीदों पर सवार ग्रामीण अर्थव्यवस्था! GST राहत और बढ़ी खपत ने संवारा, आय को लेकर उम्मीदें मजबूतMapmyIndia के मैपल्स ऐप में मेट्रो, रेल व बस रूट जुड़े, पब्लिक ट्रांसपोर्ट हुआ और आसान31 दिसंबर की गिग कर्मियों की हड़ताल से क्विक कॉमर्स पर संकट, जोमैटो-स्विगी अलर्ट मोड मेंAI से बदलेगा बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग उद्योग, कैपजेमिनाई-WNS डील ने खोली नई राहTata Power ने रचा इतिहास, राजस्थान में 1 गीगावॉट सौर परियोजना की सफल शुरुआत

सिप्ला के खिलाफ ला रोश को कानूनी राहत नहीं

Last Updated- December 05, 2022 | 4:47 PM IST

कैंसर से लड़ने वाली सिप्ला की दवा टार्सेवा को लेकर छिड़ी पेटेंट की कानूनी लड़ाई में दिल्ली उच्च न्यायालय ने हॉफमैन ला रोश को राहत देने से इनकार कर दिया है।


न्यायमूर्ति एस रविंद्र भट्ट ने आज इस मामले में अंतरिम आदेश जारी कर दिया, लेकिन उन्होंने सिप्ला से इस दवा की बिक्री के आंकड़े इकट्ठा करते रहने को भी कहा, ताकि स्विट्जरलैंड की कंपनी को जीत मिलने की सूरत में क्षतिपूर्ति की गणना करने में आसानी रहे।


ला रोश ने अदालत में दावा किया है कि भारत और कई दूसरे देशों में टर्सेवा की बिक्री की सिप्ला की योजना है। यह दवा दरअसल एक ऐसी दवा का जेनरिक प्रारूप है, जिसका पेटेंट उसके पास है।


अदालात ने अपने आदेश में कहा कि दोनों दवाओं के बाजार मूल्य में बहुत ज्यादा फर्क है। सिप्ला की दवा बहुत सस्ती है, इसलिए उसे बाजार में बिकना चाहिए, जिससे मरीजों को राहत मिल सके। अपने आदेश में अदालत ने कहा कि मामले का रुख जनहित को देखकर ही तय किया जाना चाहिए, किसी कंपनी का हित देखकर नहीं।


सस्ती दवा की बिक्री गरीब मरीजों के लिए हितकारी है, इसलिए सिप्ला की दवा को बाजार में उतारे जाने पर कोई रोक नहीं लगाई जा सकती। यह दवा फेफड़ों के कैंसर का इलाज करने में इस्तेमाल की जाती है। ला रोश को पिछले साल फरवरी में ही इस दवा का पेटेंट हासिल हो चुका है।

First Published - March 20, 2008 | 12:50 AM IST

संबंधित पोस्ट