टोयोटा किर्लोस्कर मोटर्स (टीकेएम) में तकरीबन 11 वर्षों तक समय बिताने के बाद के. के. स्वामी ने उप प्रबंध निदेशक के पद से इस्तीफा दे दिया है।
स्वामी के करीबियों का कहना है कि वे भारत में फॉक्सवैगन में बतौर प्रबंध निदेशक शामिल हो सकते हैं। अक्टूबर 1997 में टीकेएम में शामिल होने के बाद से ही स्वामी का इस कंपनी के साथ अच्छा तालमेल रहा और यही कारण है कि कंपनी ने अभी तक इस मुद्दे को सार्वजनिक नहीं किया है।
हालांकि कंपनी के प्रवक्ता ने स्वामी द्वारा कंपनी को अलविदा कहे जाने की पुष्टि कर दी। उन्होंने ‘बेहतर संभावनाओं’ की तलाश के लिए यह कदम उठाया है। स्वामी के इस्तीफे का फैसला 12 मई से ही प्रभावी हो गया है, लेकिन टीकेएम की वेबसाइट टोयोटाभारत डॉटकॉम ने स्वामी को शीर्ष प्रबंधन टीम के हिस्से के रूप में पेश करना जारी रखा है।
वेबसाइट पर एक तस्वीर में स्वामी को दो अन्य उप प्रबंध निदेशकों एम. कवाबाटा और एस. टोमोनागा तथा प्रबंध निदेशक एच. नकागावा के साथ दिखाया गया है। स्वामी के इस्तीफे की घोषणा उस वक्त हुई है जब यह जापानी कार निर्माता कंपनी 1400 करोड़ रुपये के भारी-भरकम निवेश से 100,000 यूनिट प्रति वर्ष की क्षमता के संयंत्र के साथ छोटी कार के सेगमेंट में प्रवेश करने की तैयारी कर रही है।
यह नया संयंत्र बेंगलुरु के पास बिदाड़ी में स्थापित किया जाएगा जहां कंपनी का प्रति वर्ष 60,000 कारों की क्षमता वाला एक संयंत्र पहले से ही काम कर रहा है। स्वामी पुणे स्थित किर्लोस्कर समूह से टीकेएम में शामिल हुए थे जो टोयोटो मोटर कॉरपोरेशन के संयुक्त उपक्रम में 11 फीसदी का भागीदार है।
फिलहाल वॉक्सवेगन पुणे के पास चाकन में 2700 करोड़ रुपये के निवेश से एक नया संयंत्र स्थापित कर रही है। यह संयंत्र 230 हेक्टेयर के भूखंड पर फैला हुआ है। फिलहाल भारत में वॉक्सवेगन की दो कंपनियां जोएर्ग म्यूलर के नेतृत्व में चलाई जा रही हैं।