रिलायंस जियो 999 रुपये में अपने 4जी ‘भारत फोन’ (Jio Bharat Phone) की पेशकश के जरिये अगले कुछ वर्षों के दौरान देश में 25 करोड़ 2जी ग्राहकों में से 40 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने को लक्ष्य बना रही है। यह फोन जियो सावन, जियो सिनेमा, यूपीआई, कैमरा और एफएम रेडियो के साथ मिलेगा।
पहले चरण में 10 लाख फोन के साथ शुरुआत करने की योजना है। इसके तहत देश भर में 6,500 तहसीलों को लक्ष्य बनाया जाएगा, जो ज्यादातर मध्य और छोटे शहरों में हैं। शुरू में फोन को यूनाइटेड टेलीलिंक्स के साथ असेंबल किया जा रहा है, जो जियो के लिए निर्माण के अलावा अपने ब्रांड कार्बन के तहत उसी कीमत में 4जी फीचर वाला फोन पेश करने के लिए भी इस प्लेटफॉर्म का उपयोग करेगा।
लावा जैसे अन्य स्थानीय ब्रांडों के साथ भी इसी तरह का फोन बनाने और इसे अपने ब्रांड के तहत बेचने और आपूर्ति के लिए जियो प्लेटफॉर्म का उपयोग करने के लिए बातचीत चल रही है। इनमें से अधिकांश कंपनियां उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत प्रोत्साहन की पात्र हैं और जिस मात्रा पर विचार किया जा रहा है, उससे स्थानीय कंपनियों को बड़ा बढ़ावा मिल सकती है।
फिलहाल देश में लगभग 70 प्रतिशत 2जी ग्राहक 1,000 रुपये से अधिक कीमत वाले 2जी फोन का उपयोग करते हैं। रिलायंस जियो के प्रवक्ता ने उनके लक्ष्य के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब नहीं दिया। यूनाइटेड टेलीलिंक्स और लावा ने भी सवालों का जवाब
नहीं दिया।
ऐसा दूसरी दफा हुआ है कि जियो 2जी ग्राहकों को अगली पीढ़ी की तकनीक की ओर ले जाने के लिए अपने 4जी फीचर फोन का उपयोग किया है। वर्ष 2017 में इसने जियो फोन पेश किया था, जिससे इस दूरसंचार कंपनी को 11 करोड़ 2जी ग्राहकों को 4जी में स्थानांतरित करने के लिए लुभाने में मदद मिली। जियो स्पष्ट रूप से अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाना चाहती है, ऐसे परिदृश्य में जहां कुल ग्राहक आधार बहुत धीमी रफ्तार से बढ़ रहा है।
अगर वह सफल रहती है, तो बाजार की 47 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी पर नियंत्रण करते हुए अपना आधार 43.9 से बढ़ाकर 53.9 करोड़ करने में सक्षम होगी। इसलिए वह वीआईएल, एयरटेल और बीएसएनएल के 2जी ग्राहकों को लक्ष्य बना रही है और उन्हें 4जी में ले जा रही है। 2जी बाजार अभी भी वीआईएल और एयरटेल दोनों के लिए ही महत्वपूर्ण है। उनके मोबाइल राजस्व में इनका योगदान 26 प्रतिशत और 20 प्रतिशत है।
लेकिन 2जी ग्राहक 4जी में जाने से हिचक रहे हैं। यही कारण है कि हर साल लगभग छह से सात करोड़ 2जी फीचर फोन बेचे जाते हैं। वे 4जी फीचर वाले फोन (1,600 रुपये और इससे अधिक) की ऊंची कीमत का भुगतान नहीं करना चाहते हैं।